सीकर: किसानों की हितैषी बनने वाली सरकार खरीफ की बुवाई होने के बाद भी फसल बीमा की अधिसूचना जारी नहीं कर पाई है। जबकि जिले में खरीफ की फसलों की 80 फीसदी तक बुवाई हो चुकी है। किसानों ने बैंकों व सहकारी संस्थाओं से 2,480 करोड़ रुपए ब्याज पर लेकर फसलें बोई हैं। अच्छी बारिश के कारण फसलें लहलहा रही हैं लेकिन किसान चिंतित हैं कि जुलाई माह का दूसरा पखवाड़ा बीतने को है और खरीफ फसल की बीमा अधिसूचना ही जारी नहीं हो पाई है। एेसे में उनकी फसलें बीमित रहेंगी या नहीं। अतिवृष्टि या अनावृष्टि से होने वाले नुकसान की भरपाई कौन करेगा और कैसे होगा।
यूं पडेग़ा असर
हर साल फसल बीमा की गाइडलाइन मानसून की दस्तक देने के साथ ही जारी हो जाती है। इसके बाद कम्पनियां खरीफ फसलों का बीमा करती हैं। फसल बीमा की अंतिम तिथि भी होती है जिसके आधार पर ऋण और अऋणी किसान फसल का बीमा करवाते हैं। इसके बाद फसल बीमा होता है। अगर समय पर फसल बीमा योजना लागू नहीं हुई तो किसानों को अतिवृष्टि, अनावृष्टि से होने वाले नुकसान के बदले फसल क्लेम का लाभ नहीं मिलेगा।
05 लाख हैक्टेयर जमीन पर…
गौरतलब है कि जिले में खरीफ सीजन में जिले में पांच लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में बाजरा, मूंग, मोठ, तिल, ग्वार की बुवाई होती है।
अधिसूचना नहीे
फसल बीमा योजना की अधिसूचना जारी नहीं हुई है। फसलों को बीमित करने का काम शुरू होगा।
Bureau Report
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