चंडीगढ़: मेडिकल पाठयक्रमों में दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए राहत भरी खबर है. हरियाणा में प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और यूनिवर्सिटी में सामान्य एमबीबीएस पाठ्यक्रम की सालाना फीस 10 लाख रुपए होगी. वहीं एनआरआई छात्रों के लिए यह फीस करीब 70.61 लाख रुपए सालाना होगी. इतना ही नहीं कॉलेजों को फीस स्ट्रक्चर को प्रस्पेक्ट्स और वेबसाइट्स पर भी अपलोड करना होगा.
अब तक प्राइवेज कॉलेज मनमाने तरीके से 70 से 80 लाख रुपये तक फीस वसूल रहे थे. लेकिन अब प्राइवेट कॉलेजों की मनमानी नहीं चलेगी. फीस आदि गतिविधियां भी हरियाणा निजी मेडिकल संस्थान दाखिला, फीस, रखरखाव एवं शैक्षणिक मानक अधिनियम 2012 के दायरे में रहेगी.
हरियाणा में सरकारी मेडिकल कॉलेज की फीस मात्र 52 हजार रुपए सालाना है. इसे सरकार के स्तर पर गठित कमेटी तय करती है. हरियाणाके स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि राज्य में करीब 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं. इनकी फीस तय करने के लिए विभागीय स्तर पर एक कमेटी पहले से ही बनी हुई है. लेकिन, प्राइवेट मेडिकल कॉलेज, यूनिवर्सिटी और डीम्ड यूनिवर्सिटी अपने तरीके से मनमानी फीस वसूल रहे थे. अब इस फैसले से इन पर रोक लगेगी.
अन्य पाठ्यक्रमों की भी फीस तय
बीडीएस पाठ्यक्रम के लिए ट्यूशन फीस 2.80 लाख वार्षिक एवं एनआरआई के आरंभिक फीस 28.24 लाख रुपए. बीएएमएस, बीएचएमएस 1.50 रुपए वार्षिक और 15 प्रतिशत एनआरआई के लिए 16.04 लाख रुपए है. बीपीटी, एमपीटी, बीएससी नर्सिंग, पोस्ट बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम 60 हजार रुपए एवं 15 प्रतिशत एनआरआई सीटों 9.63 लाख रुपए एमएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम के लिए 75 हजार वार्षिक एवं 15 प्रतिशत एनआरआई विद्यार्थियों के 9.63 लाख रुपए फीस है. बीपीटी एवं एमपीटी को छोड़कर शेष सभी में फीस वार्षिक वृद्घि 5 प्रतिशत हो सकेगी.
कॉलेजों को भरना होगा 10 करोड़ का बांड
मैनेजमेंट शैक्षणिक सत्र के बीच में ही संस्थान बंद करके भाग सकें, इसके लिए अब सभी प्राइवेट और सहायता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों से 10 करोड़ रुपए का बांड भरवाया जाएगा. अभी तक इसके लिए आधिकारिक तौर पर कोई राशि निर्धारित नहीं थी.
एमबीबीएस के सामान्य पाठ्यक्रम के लिए हरियाणा ने प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 10 लाख रुपये सालाना फीस तय की है. जबकि केरल में केवल 5.50 लाख रुपये फीस है. हरियाणा के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के लिए सालाना फीस करीब 52 हजार रुपए है. सरकार के हस्तक्षेप के बावजूद हरियाणा के सरकारी और प्राइवेट संस्थानों की फीस में कई गुना का अंतर है.
Bureau Report
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