लखनऊ: केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जब जब विपक्ष की एकता की बात होती है, तब तब कुछ ऐसा होता है, जिससे ये एकता बिखर जाती है. इस बार फिर ऐसा ही कुछ हुआ है. हांफते हुए विपक्ष की एकजुटता एक बार फिर जुड़ने से पहले ही बिखरती दिख रही है. दरअसल मामला जुड़ा है राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की महत्वकांक्षी पटना रैली से. इस रैली को सफल बनाने के लिए लालू प्रसाद यादव हर जतन कर रहे हैं. सभी विपक्षी पार्टियों से पटना आने की अपील कर रहे हैं. सभी पार्टियों से अपने मतभेद भुलाकर इस रैली में आकर केंद्र सरकार के खिलाफ बड़ी गोलबंदी की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन इस रैली से पहले ही बसपा अध्यक्ष मायावती उनकी उम्मीदों पर पानी फेरती दिख रही हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बसपा सुप्रीमो मायावती पटना में होने वाली आरजेडी की रैली में शामिल नहीं होंगी. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने 27 अगस्त को ‘बीजेपी हटाओ, देश बचाओ’ रैली आयोजित की है. इस रैली में गैर-एनडीए दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है. रजेडी की इस रैली को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता को मजबूती मिलने के तौर पर देखा जा रहा है. मगर, जैसे-जैसे चुनाव का वक्त नजदीक आ रहा है, बीजेपी के विरोधी दलों की इस उम्मीद को झटका लगता जा रहा है. हाल ही में जेडीयू ने आरजेडी-कांग्रेस से महागठबंधन तोड़कर एनडीए का दामन थाम लिया. नीतीश का बीजेपी में जाना विपक्षी फ्रंट के लिए बड़ा झटका साबित हुआ.
वहीं दूसरी तरफ, यूपी में समाजवादी पार्टी की पारिवारिक कलह चुनाव के बाद तक बदस्तूर जारी है. ऐसे में मायावती का आरजेडी की रैली में न जाना बीजेपी के खिलाफ लामबंदी को और कमजोर करने जैसा है. बता दें कि हाल ही में जब मायावती ने राज्यसभा सदस्य से इस्तीफा दिया था, तब लालू यादव ने उन्हें अपनी पार्टी के कोटे से राज्यसभा भेजने की पेशकश की थी.
Bureau Report
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