नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमारा देश दुनिया में ऐसा पहला देश है जहां उड़ान संबंधी प्रतिबंध लगाए गए हैं.
उन्होंने स्पष्ट किया कि उड़ान निषेध सूची केवल तब लागू होगी जब घटना विमान के अंदर हुई होगी और उससे विमान व इसमें सवार यात्रियों की सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका होगी. यदि ऐसा नहीं है तो मामले की जांच सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की जाएगी.
विमान के पायलट इन कमांड अभद्र यात्री से जुड़ी घटना के बारे में रिपोर्ट कर सकते हैं और संबंधित एयरलाइन की एक विभागीय समिति 30 दिन के भीतर इस मामले की जांच करेगी. संशोधित नियमों के अनुसार, तय समयसीमा में जांच पूरी नहीं होने पर यात्री को ‘‘यात्रा की आजादी’’ होगी. इसमें कहा गया कि हालांकि एयरलाइन मामले की जांच जारी रहने तक 30 दिन तक की पाबंदी लगा सकती है.
जानें, किस हरकत पर मिलेगी कितनी सजा
अभद्र व्यवहार की पहली श्रेणी के तहत मौखिक रूप से उत्पीड़न करने का मामला आएगा और इसके लिए तीन महीने का उड़ान प्रतिबंध होगा.
दूसरी श्रेणी के तहत शारीरिक रूप से दुर्व्यवहार करने का मामला आएगा जिसमें छह महीने का उड़ान प्रतिबंध होगा.
अधिकारियों ने बताया कि तीसरी श्रेणी के तहत जानलेवा व्यवहार आएगा और इसमें दो साल या बिना किसी सीमा के इससे अधिक अवधि का प्रतिबंध होगा.
Bureau Report
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