नईदिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) नेता दीपक भारद्वाज मर्डर केस में तथाकथित बाबा प्रतिभानंद को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी प्रतिभानंद पिछले चार साल से पुलिस को चकमा दे रहा था. उस पर एक लाख रुपए का इनाम था. शुक्रवार को पुलिस ने गाजियाबाद के सिहानी गेट इलाके से प्रतिभानंद को गिरफ्तार किया. हालांकि यह गिरफ्तारी आर्म्स एक्ट के मामले में हुई है. गिरफ्तारी के बाद पता चला कि बाबा प्रतिभानंद दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में 26 मार्च, 2013 को हुए दीपक भारद्वाज हत्याकांड का मुख्य आरोपी है. अरबपति कारोबारी और बीएसपी नेता दीपक भारद्वाज की हत्या 500 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति विवाद में हुई थी.
पुलिस सूत्रों ने दावा किया था कि अपना खुद का आश्रम बनाने की इच्छा के चलते कथित बाबा प्रतिभानंद ने बीएसपी नेता दीपक भारद्वाज की हत्या की सुपारी ली थी. भारद्वाज को 26 मार्च को दक्षिण दिल्ली के रजोकरी में उनके फार्महाउस में गोली मार दी गयी थी और मामले में दो शूटर समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में प्रतिभानंद फरार चल रहा था.
सूत्रों ने कहा कि कुछ आश्रमों से बाहर निकाले जा चुके प्रतिमानंद के मन में अपना खुद का आश्रम बनाने की इच्छा थी. इसके लिए स्वामी को धन की जरूरत थी और पिछले 18 महीने से वह हरिद्वार, करनाल और सोलन में जमीन की तलाश कर रहा था.
स्वामी को आश्रम खोलने के लिए डेढ़ करोड़ रुपये इकट्ठे करने थे और इसके चलते कथित तौर पर अरबपति भारद्वाज की हत्या में स्वामी की संलिप्तता रही. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि किसी ने उसे सुपारी दी थी. उसने भारद्वाज की हत्या के लिए अपने ड्राइवर पुरुषोत्तम और उसके दोस्तों का इस्तेमाल किया. पुरुषोत्तम को गिरफ्तार कर लिया गया. सूत्रों के अनुसार भारद्वाज की हत्या की सुपारी कुल चार करोड़ रुपये में दी गयी और प्रतिमानंद को इसके लिए दो करोड़ रुपये का हिस्सा मिलना था.
उन्होंने कहा कि भारद्वाज की हत्या की साजिश कथित तौर पर प्रतिमानंद और मुख्य साजिशकर्ता , जिसकी पहचान अभी नहीं हो सकी है, द्वारा छह महीने की अवधि में रची गयी.
अधिकारी ने कहा कि वे जाहिर तौर पर भारद्वाज को नितेश कुंज में फार्महाउस में नहीं मारना चाहते थे. गिरोह ने जनवरी और मार्च के बीच दो बार भारद्वाज पर निशाना साधा था. हालांकि पुलिस ने भारद्वाज से अलग रह रहे उनके परिवार को अभी क्लीन चिट नहीं दी है.
Bureau Report
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