मुंबई: रायन इंटरनेशनल समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रेयान पिंटो और स्कूल के संस्थापक उनके माता-पिता ने गुरुग्राम में संस्थान के परिसर में सात वर्षीय छात्र की हत्या के सिलसिले में सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की. रायन इंटरनेशनल स्कूल के दो बड़े अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद ये जमानत याचिकायें दायर की गई हैं.
उनके वकील नितीन प्रधान ने बताया कि स्कूल के संस्थापक अध्यक्ष ऑगस्टीन पिंटो (73) और स्कूल की प्रबंध निदेशक उनकी पत्नी ग्रेस पिंटो (62) ने अपने बेटे रेयान पिंटो के साथ बंबई उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिये याचिका दायर की है. न्यायमूर्ति अजय गडकरी के समक्ष सोमवार सुबह प्रधान ने यह याचिका लगाई. वह मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई करेंगे.
याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा कि बच्चे की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन प्रबंधन को अपराधी नहीं ठहराया जा सकता और वे खुद दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों के पीड़ित हैं. याचिका में कहा गया कि इस मौत से न सिर्फ बच्चे के माता-पिता और परिवार को गहरा दुख हुआ है बल्कि न्यासी, प्रबंधन, कर्मचारी और स्कूल के छात्र भी बेहद दुखी हैं. तीनों ने अपनी जमानत याचिका में कहा कि यह सिर्फ परिवार के लिये ही नहीं बल्कि संस्थान के लिये भी सबसे अंधकारमय क्षण हैं. पिछले चार दशक में संस्थान की स्थापना के बाद यह पहला मौका है जब इस तरह की घटना हुई है.
उन्होंने कहा कि कानून और विवेक के मुताबिक छात्रों की सुरक्षा और कुशलता के लिये सभी आवश्यक कदम उठाने के बावजूद, अगर ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण हादसा होता है तो संस्थान को अपराधी नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि वह खुद दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों का पीड़ित है. पुलिस ने कहा कि गुरुग्राम में स्कूल परिसर में छात्र की निर्मम हत्या के सिलसिले में रायन इंटरनेशनल स्कूल के दो वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है जबकि कार्यवाहक प्रधानाचार्य को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.
दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युमन ठाकुर का शुक्रवार को स्कूल के शौचालय में चाकू से गला रेत दिया गया था और बाद में अस्पताल ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया. इस मामले में एक बस परिचालक को गिरफ्तार किया गया है. छात्र की हत्या के बाद इस मामले को लेकर लोगों में काफी जनाक्रोश है. याचिका में कहा गया कि न्यासी और प्रबंधन पुलिस का जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं.
याचिका में कहा गया कि स्कूल परिसर में किसी बाहरी व्यक्ति को जाने की इजाजत नहीं है, बस चालक और परिचालक, जिन्हें स्कूल की तरफ से परिचय पत्र दिया जाता है, को स्कूल परिसर के अंदर शौचालय जैसी आधारभूत सुविधाओं के इस्तेमाल की इजाजत मानवीय आधार पर दी जाती है.
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