गांधीनगर: टैगोर पब्लिक स्कूल का चपरासी जब मासूम बच्ची को क्लास रूम कम स्टोर रूम में ले गया तो बच्ची ने चिल्लाना शुरू कर दिया था। स्कूल में ही काम करने वाली एक महिला ने बच्ची के चीखने की आवाज सुनी। महिला दौड़कर रूम तक आई और जोर-जोर से दरवाजा पीटने लगी। इसके बाद विकास ने दरवाजा खोला। महिला ने आरोपी विकास को कई तमाचा जड़ दिया और बच्ची को अपने साथ ले गईं। इसके बावजूद महिला ने अपना मुंह बंद रखा। ये बातें बच्ची ने मैजिस्ट्रेट के सामने दर्ज अपने बयान में कहीं।
घटना के दो दिन बाद पुलिस ने सोमवार को पीड़ित बच्ची का मैजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया। इस दौरान उस समय मैजिस्ट्रेट और पीड़ित बच्ची के अलावा दूसरा कोई नहीं था। मैजिस्ट्रेट ने करीब डेढ़ घंटे तक पीड़ित बच्ची का बयान दर्ज किया। बयान देने के बाद जब बच्ची अपने घर पहुंची तो परिवार वालों ने उससे पूछा कि जज साहब ने क्या-क्या पूछा। बच्ची ने अपने परिवार वालों के सामने बताया कि आरोपी विकास उसे अपने साथ एक क्लास रूम में अंदर ले गया और वहां पर जब उसके साथ गलत काम करने लगा तो वह चिल्लाई। उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर स्कूल में काम करने वाली आंटी वहां पहुंच गईं। उन्होंने बाहर से जोर-जोर से दरवाजा पीटना शुरू कर दिया। वह बार-बार कह रही थीं कि अंदर कौन है। कुछ देर बाद विकास ने दरवाजा खोल दिया। क्लास रूम से बाहर निकलने पर आंटी ने विकास को चांटे भी मारे।
इस संबंध में जब बच्ची के पिता से बात की गई तो वह समय पर पहुंचकर बेटी की जान बचाने वाली महिला को भगवान बताया। उनका कहना है कि अगर वह महिला समय पर वहां नहीं पहुंचतीं तो उनकी बेटी के साथ कुछ भी हो सकता था। इसके साथ ही उनका यह भी कहना है कि उस महिला ने जितना अच्छा काम किया, लेकिन इसके बाद आरोपी की करतूत के बारे में स्कूल की टीचर, प्रिंसिपल और मालिक को बताने की जगह उन्होंने अपना मुंह बंद रखा। उन्होंने कहा कि उन्हें पुलिस को कॉल कर आरोपी को स्कूल से ही पुलिस के हवाले कर दिया जाना चाहिए था। इस पूरे मामले में सभी लोगों ने चुप्पी साध ली और इसे दबाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि स्कूल मालिक, क्लास टीचर और इस महिला के खिलाफ भी एक्शन लिया जाना चाहिए।
Bureau Report
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