तमिलनाडु सुपरस्‍टार कमल हासन की सियासत में होने जा रही एंट्री!

तमिलनाडु सुपरस्‍टार कमल हासन की सियासत में होने जा रही एंट्री!तमिलनाडु: तमिलनाडु के सत्‍तारूढ़ अन्‍नाद्रमुक (एआईडीएमके) से शशिकला को महासचिव पद से हटाए जाने की सुर्खियों के बीच एक बड़ी खबर यह आ रही है कि सुपरस्‍टार कमल हासन सियासी पारी शुरू कर सकते हैं. वैसे भी तमिलनाडु में पिछले पांच दशकों से सिनेमा के रुपहले पर्दे से आकर सियासत में परचम लहराने का अतीत रहा है. द्रमुक (डीएमके) सुप्रीमो एम करुणानिधि और अन्‍नाद्रमुक नेता एमजी रामंचद्रन और जे जयललिता सिनेमा से राजनीति में आए और सूबे की सियासत में शिखर पर पहुंचे. उन्‍हीं के नक्‍शेकदम पर कमल हासन को माना जा रहा है.
 
इस संदर्भ में 5 अहम बातों पर एक नजर: 
कमल हासन के खेमे का मानना है कि इस वक्‍त तमिलनाडु में जयललिता के बाद सियासी अस्थिरता की स्थिति उत्‍पन्‍न हो गई है. अन्‍नाद्रमुक में मुख्‍यमंत्री ई पलानीस्‍वामी और उपमुख्‍यमंत्री ओ पन्‍नीरसेल्‍वम के धड़ों का विलय जरूर हो गया है लेकिन इससे पार्टी पर विपरीत असर पड़ा है. अन्‍नाद्रमुक के किसी भी नेता का पूरे राज्‍य में जनाधार नहीं है.
 
इसके विपरीत कमल हासन पूरे राज्‍य में बेहद लोकप्रिय हैं. हर जिले और तालुका में उनका फैन क्‍लब है. नवंबर में राज्‍य में स्‍थानीय चुनाव होने जा रहे हैं. इस चुनाव में अपने समर्थकों को उतारकर कमल हासन अपनी सियासी पारी का आगाज कर सकते हैं. कमल हासन के करीबी के हवाले से लिखा है कि विजयदशमी या गांधी जयंती के मौके पर सियासी पार्टी के ऐलान संबंधी घोषणा हो सकती है. 

सूत्रों का यह भी कहना है कि कमल हासन विपक्षी द्रमुक या अन्‍नाद्रमुक के अन्‍य क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन से पहले ही नए राजनीतिक दल का गठन करना चाहते हैं. 

सुपरस्‍टार से जुड़े सूत्रों का यह भी कहना है कि कमल हासन इस वक्‍त राजनीति में प्रवेश को सबसे उपयुक्‍त समय मानते हैं क्‍योंकि इस वक्‍त तमिलनाडु में राजनीतिक शुन्‍यता की स्थिति है. जयललिता के निधन के बाद उपजी सियासी स्थितियों के बीच सर्वजनिक रूप से कमल हासन ने जिस तरह राजनेताओं को घेरा, जनता में उनको इसका जबर्दस्‍त समर्थन मिला. 

यदि कमल हासन तमिलनाडु की सियासत में उतरते हैं तो राजनीतिक विश्‍लेषकों के अनुसार इस वक्‍त उसका सीधा नुकसान द्रमुक को होगा. वैसे भी एमके स्‍टालिन के नेतृत्‍व में डीएमके, अन्‍नाद्रमुक में हालिया दौर में मची कलह का सियासी लाभ नहीं ले पाया है.

Bureau Report

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