नईदिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण की 125 वीं वर्षगांठ के मौके पर और भाजपा विचारक दीनदयाल उपाध्याय के जन्मशती समारोह के तहत विज्ञान भवन में छात्रों के एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने विश्व को सही दिशा दिखाने की कोशिश की. इस सम्मेलन का विषय (थीम) ‘यंग इडिया, न्यू इंडिया’ है. उन्होंने जिक्र किया कि छात्रों का यह सम्मेलन ऐसे दिन हो रहा है, जिस दिन स्वामी विवेकानंद ने 1893 में शिकागो में अपना ऐतिहासिक भाषण दिया था. पीएम मोदी ने देश से सवाल किया कि चारो तरफ कचरा फैलाएं और बोलें वंदे मातरम? क्या यह हक है? उन्होंने आगे कहा वंदे मातरम बोलने का सच्चा हक सफाई करने वालों को है. हम सफाई करें न करें, हमें भारत माता काे गंदा करने का हक नहीं है.
पीएम मोदी के भाषण की खास बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज 11 सितंबर है, विश्व को 2001 से पहले ये पता ही नहीं था कि 9/11 का महत्व क्या है. दोष दुनिया का नहीं था, दोष हमारा था कि हमने ही उसे भुला दिया था. और अगर हम ना भुलाते तो 21वीं शताब्दी का 9/11 ना होता.
इसी दिन इस देश के एक नौजवान ने अपने भाषण से पूरी दुनिया को हिला दिया. गुलामी के 1000 साल के बाद भी उसके भीतर वो ज्वाला थी और विश्वास था कि भारत में वो सामर्थ्य है जो दुनिया को संदेश दे सके.
मोदी ने कहा कि उस भाषण से पहले लोगों को लेडीज एंड जेंटलमैन के अलावा कोई शब्द नहीं पता था. ब्रदर्स एंड सिस्टर्स के बाद 2 मिनट तक तालियां बजती रही थीं. उस भाषण से पूरी दुनिया को उन्होंने अपना बना लिया था.
उन्होंने कहा, ‘‘इस साल, हम स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण की 125वीं वर्षगांठ और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती का समारोह मना रहे हैं.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि विवेकानंद को युवा शक्ति में काफी भरोसा था और वह राष्ट्र-निर्माण में युवाओं के लिए महत्वपूर्ण स्थान देखते थे.
उन्होंने कहा, ‘स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरित होकर हम अपने युवाओं की आकांक्षाओं और सपनों को पूरा करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं.’ इस कार्यक्रम का देश की कई यूनिवर्सिटी और कॉलेज सीधा प्रसारण करेंगे. इसी को लेकर ममता बनर्जी सरकार ने केंद्र के आदेश को मानने से इनकार कर दिया था.
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