यूपी: फसल ऋण मोचन योजना के तहत योगी सरकार ने राज्य के कई किसानों को कर्जमाफी का सर्टिफिकेट बांटा। योगी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना में जिस तरह का घालमेल सामने आया है उससे किसान हैरान हैं। किसी किसान का 1 पैसे तो किसी का 9 पैसे कर्ज माफ किया गया है, कर्जमाफी की रकम देख किसानों में नराजगी है।
ताबड़तोड़ तरीके से किसान ऋण माफी पत्र बांटने वाली राज्य सरकार ने मथुरा के अड़ींग गांव के एक किसान का केवल 1 पैसे की माफ किया है, जिस पर 1.55 लाख का कर्ज है। ख़बरों के मुताबिक, किसान छिद्दी सिंह के परिवार में कुल छह सदस्य हैं और वह परिवार सहित थाना गोवर्धन के अड़ींग गांव में एक ही कमरे में गुजर-बसर करता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जब वह अपनी शिकायत लेकर उप जिलाधिकारी सदानन्द गुप्ता से मिला तब उन्होंने वह प्रमाण पत्र वापस लेते हुए इसमें संबंधित बैंक की तरफ से गलती को स्वीकार किया। उन्होंने बैंक के अधिकारियों से भी गलती को सुधार कर नया प्रमाणपत्र जारी करने को कहा है।
छिद्दी को जारी पत्र में लिखा है कि, ‘प्रिय किसान भाई, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लघु एवं सीमांत किसानों के फसली ऋण मोचन के संबंध में लिए गए निर्णय के क्रम में यह प्रमाणित किया जाता है कि ‘फसली ऋण मोचन योजना’ के अंतर्गत रु 0.01 की धनराशि आपके केसीसी खाते (संख्या) में क्रेडिट कर दी गई है।’
गौरतलब है कि, यह कोई पहली बार इस तरह का मामला सामने आया हो इससे पहले प्रदेश में तमाम ऐसे मामले सामने आए हैं। जिनमें किसानों को 9 पैसे, 40 पैसे से तो किसी का 84 पैसे तक की कर्जमाफी का सर्टिफिकेट दिया गया है।
बता दें कि, यूपी 2017 विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने वादा किया था कि अगर राज्य में उनकी सरकार बनती है तो वे किसानों का कर्ज मांफ करेंगे। राज्य में बीजेपी की सरकार बनी तो बीजेपी ने अपना वादा निभाते हुए किसानों का कर्ज मांफ करने का ऐलान भी किया।
अखिलेश ने श्वेत पत्र को लेकर साधा निशाना
योगी सरकार द्वारा पिछली सरकार के खिलाफ श्वेत पत्र लाए जाने का जवाब पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट के जरिए दिया। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा कि, ‘भूल चुके जो अपना ‘संकल्प पत्र’, ‘श्वेत पत्र’ उनका बहाना है!’ अपने ट्वीट में पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने योगी सरकार की फसल कर्ज मोचन योजना के एक सर्टिफिकेट की भी फोटो शेयर की।
Bureau Report
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