म्यांमार: म्यांमार से भागकर बांग्लादेश के शरणार्थी कैंप में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों की महिलाओं के साथ रेप की पुष्टि हुई है. कैंप में इलाज करने पहुंचे संयुक्त राष्ट्र के डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कहा है कि जांच में पता चला है कि कई महिलाओं के साथ रेप हुए हैं. न्यूज एजेंसी रायटर के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य टीम का कहना है कि कैंप में रह रहीं महिलाओं ने उन्हें बताया कि म्यांमार के सैनिकों ने उनके साथ गैंगरेप किया है. म्यांमार लगातार ऐसे आरोपों को खारिज करता रहा है. उसका कहना है कि उसे बदनाम करने के लिए इस तरह के बेबुनियाद प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है. म्यांमार की नेता आंग सांग सू (Aung San Suu Kyi) की प्रवक्ता जौ हिटे (Zaw Htay) ने कहा है कि वह सभी आरोपों की जांच करवा रही हैं. वह कह चुकी हैं कि रोहिंग्या समाज की जो भी रेप पीड़िता हैं वह सामने आएं, सरकार उनको पूरी सुरक्षा देगी और मामले की निष्पक्षता से जांच कराई जाएगी.
न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र के डॉक्टरों की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश के शरणार्थी कैंप में रह रहीं रोहिंग्या महिलाओं के ऊपर म्यांमार में काफी अत्याचार हुआ है. जांच में कई रोहिंग्या महिलाओं के शरीर पर गहरे जख्म के निशान हैं. रिपोर्ट में एक पीड़िता के बयान को बंया किया गया है, जिसमें लिखा है, ‘मैं तीन दिन पैदल चलकर अपनी छह साल की बेटी के साथ बांग्लादेश पहुंची हूं. म्यांमार के तीन सैनिकों ने मिलकर मेरा रेप किया था.’ पीड़ित महिला ने बताया कि उसे नहीं पता है कि उसका पति और बाकी के तीन बच्चे कहां हैं.
संयुक्त राष्ट्र की टीम ने शरणार्थियों से पूछताछ और मेडिकल चेकअप के बाद तैयार रिपोर्ट में कहा है कि 25 अगस्त को म्यांमार में हुई हिंसा में महिलाओं पर काफी अत्याचार हुए. काफी संख्या में महिलाओं के साथ गैंगरेप हुए हैं. म्यांमार में फैली हिंसा के चलते वहां से 429,000 रोहिंग्या मुसलमान वहां से भाग गए हैं.
म्यांमार में मिली 28 हिंदुओं की सामूहिक कब्र
म्यांमार की सेना ने रविवार (24 सितंबर) को कहा कि हिंसा प्रभावित राखिन प्रांत में 28 हिंदुओं की सामूहिक कब्र मिली है और इसके लिए उसने मुस्लिम रोहिंग्या आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराया है. स्वतंत्र तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है. सेना प्रमुख की वेबसाइट पर पोस्ट किये हुए बयान में कहा गया, ‘सुरक्षा सदस्यों को 28 हिंदुओं के शव मिले और उन्हें निकाला गया. राखिन राज्य में एआरएसए अतिवादी बंगाली आतंकवादियों द्वारा इनकी हत्या की गयी.’ अराकन रोहिंग्या सेलवेशन आर्मी (एआरएसए) समूह ने पुलिस चौकियों पर हमले किये जिसके बाद सेना ने इतना बड़ा अभियान चलाया कि संयुक्त राष्ट्र का मानना है मुस्लिम अल्पसंख्यकों का जातीय सफाया हुआ.
एक महीने के भीतर ही इस क्षेत्र से 430000 से ज्यादा रोहिंग्या भागकर बांग्लादेश गए. इलाके में रहने वाले करीब 30000 हिंदू और बौद्ध भी विस्थापित हुए जिनमें कुछ का कहना है कि रोहिंग्या आतंकवादियों ने उन्हें डराया धमकाया.सेना ने कहा कि सुरक्षा अधिकारियों को कब्रों में 20 महिलाओं और आठ पुरुषों के शव मिले जिसमें छह लड़कों की उम्र दस साल से कम थी. म्यांमार सरकार के प्रवक्ता जाव ह्ते ने रविवार (24 सितंबर) को 28 शव मिलने की पुष्टि की. उत्तरी राखिन में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्होंने प्रत्येक जगह पर 10 से 15 शवों को दफनाया हुआ था.
सेना प्रमुख ने कहा है कि जिस गांव में शव मिले हैं उसका नाम ये बाव क्या है जो उत्तरी राखिने में हिंदू और मुसलमान समुदायों की बती खा मायुंग सेइक के निकट है. इलाके के हिंदुओं ने एएफपी को बताया कि आतंकवादी 25 अगस्त को उनके गांवों में घुस आए और बीच में आने वाले कई लोगों की हत्या कर दी और कुछ अन्य को अपने साथ जंगल ले गए.
Bureau Report
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