चेन्नई: तमिलनाडु के सत्तारूढ़ अन्नाडीएमके के भीतर चल रहे घमासान के बीच विधानसभा स्पीकर पी धनपाल ने शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरन खेमे के 18 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है. 1986 के तमिलनाडु असेंबली मेंबर्स दल बदल कानून के तहत यह कार्यवाही की गई है. इसके चलते इन विधायकों की अब विधानसभा में सदस्यता समाप्त हो गई है. यह कार्यवाही ऐसे वक्त हुई है जब मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी और ओ पन्नीरसेल्वम खेमों में बंटी पार्टी का आपस में विलय हो गया और उसके बाद पार्टी महासचिव के पद से शशिकला और उपमहासचिव के पद से भतीजे दिनाकरन को हटा दिया गया.
उल्लेखनीय है कि पार्टी सुप्रीमो जयललिता के निधन के बाद 12 सितंबर को पार्टी की सर्वोच्च संस्था की पहली बैठक में महासचिव शशिकला और टीटीवी दिनाकरन को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया गया था. उस बैठक में मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी और उपमुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम सहित पार्टी के अन्य लोग बैठक में मौजूद रहे. इन दोनों नेताओं के नेतृत्व वाले धड़ों के आपस में विलय होने के बाद यह पहली बैठक थी.
उसके बाद भी ये 18 विधायक दिनाकरन के संपर्क में थे और ये विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग कर रहे थे. ये कह रहे थे कि इनके विरोध की वजह से मुख्यमंत्री पलानीस्वामी की सरकार अल्पमत में आ गई है. उल्लेखनीय है कि 234 सदस्यीय विधानसभा में अन्नाद्रमुक के 135 विधायक थे और बहुमत के आंकड़े के लिए 117 एमएलए की दरकार है.
उससे पहले 21 अगस्त को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी और बागी नेता ओ पनीरसेल्वम के नेतृत्व वाले अन्नाद्रमुक के परस्पर विरोधी धड़ों का विलय हो गया. राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके पनीरसेल्वम को उपमुख्यमंत्री बनाया गया और इसके साथ ही सत्तारूढ़ पार्टी और सरकार में अधिकारों को लेकर चल रही लड़ाई का पटाक्षेप हो गया.
Bureau Report
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