इस्लामाबाद: मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के मुखिया हाफिज सईद को खुद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार भी देश के लिए खतरा मान रही है। पंजाब के गृह विभाग ने लाहौर हाई कोर्ट में सईद की नजरबंदी खत्म करने की याचिका पर आगाह किया है कि अगर ऐसा हुआ तो प्रांत में अशांति फैल सकती है।
पंजाब के गृह विभाग ने हाई कोर्ट में हाफिज सईद की याचिका पर सुनवाई के दौरान एक लिखित जवाब दायर किया और बताया कि सईद को आतंकरोधी कानूनों के तहत नजरबंद रखा गया है ताकि उसे फंड इकट्ठा करने से रोका जा सके, जो कि संयुक्त राष्ट्र के कई प्रस्तावों का उल्लंघन है।
सईद के वकील ए.के. खोकर ने कोर्ट में कहा कि उनके मुवक्किल को हिरासत में रखना गैर-कानूनी और निराधार है, इसीलिए उसे तुरंत रिहा करना चाहिए। खोकर ने कोर्ट में कहा, ‘अमेरिका की पाकिस्तान को दी जा रही सैन्य मदद में कटौती करने की धमकी के बाद मेरे मुवक्किल को नजरबंद किया गया है। सईद को बिना कोई केस दायर किए ही हिरासत में ले लिया गया।’ हालांकि, कोर्ट ने खोकर से कहा कि उन्हें इस मामले में अमेरिकी दबाव का जिक्र नहीं करना चाहिए क्योंकि सईद को एक न्यूज क्लिप के आधार पर नजरबंद किया गया है। कोर्ट ने खोकर ने मामले की सुनवाई 15 सितंबर तक टाल दी है।
बता दें कि हाफिज सईद को इस साल की शुरुआत से ही नजरबंद रखा गया है। उसके प्रतिबंधित संगठन जमात उद-दावा (लश्कर-ए-तैयबा का हिस्सा) ने बीते महीने मिली मुस्लिम लीग नाम की पार्टी लॉन्च की है लेकिन पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने इसे राजनीतिक पार्टी के तौर पर रजिस्टर करने से इनकार कर दिया।
साल 2010 में अमेरिका ने हाफिज सईद की गिरफ्तारी और सजा से जुड़ी जानकारी देने वालों को 1 करोड़ डॉलर इनाम देने की घोषणा की थी।
Bureau Report
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