वाशिंगटन: अमेरिका के एक प्रख्यात हिंदू समूह ने म्यांमार के संघर्ष प्रभावित रखाइन प्रांत में 28 हिंदू ग्रामीणों के शवों का सामूहिक कब्रगाह मिलने की रिपोर्ट पर चिंता जताई है. ‘हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन’ (एचएएफ) इन हत्याओं के मामले में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच का अनुरोध किया है. म्यांमार के अधिकारियों ने इन 28 हिंदू ग्रामीणों की हत्याओं के लिए मुस्लिम रोहिंग्या आतंकवादियों को जिम्मेदार बताया है. इनके शव कथित रूप से एक सामूहिक कब्रगाह में मिले हैं.
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) के वरिष्ठ निदेशक एवं ‘हिंदूज इन साउथ एशिया एंड द डायस्पोरा : ए सर्वे ऑफ ह्यूमन राइट्स, 2017’ के लेखक समीर कालरा ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय और म्यामां सरकार को निश्चित रूप से इस जटिल विवाद का शांतिपूर्ण समाधान निकालने की दिशा में एकसाथ मिलकर काम करना चाहिए.’’
एचएएफ ने कहा कि अभी और ऐसे सामूहिक कब्रगाहों के मिलने की संभावना है क्योंकि हाल में जो शव बरामद हुए हैं वे 25 अगस्त को आतंकवादी समूह ‘आर्किन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी’ के हमले का शिकार हुए 100 हिंदुओं के समूह से जान पड़ते हैं. सऊदी अरब में रोहिंग्या प्रवासी इस आतंकवादी समूह का संचालन करते हैं.
म्यांमार की सेना ने किया था खुलासा
म्यांमार की सेना ने 24 सितंबर को कहा था कि हिंसा प्रभावित राखिन प्रांत में 28 हिंदुओं की सामूहिक कब्र मिली है और इसके लिए उसने मुस्लिम रोहिंग्या आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराया. सेना प्रमुख की वेबसाइट पर पोस्ट किये हुए बयान में कहा गया, ‘‘सुरक्षा सदस्यों को 28 हिंदुओं के शव मिले और उन्हें निकाला गया. राखिन राज्य में एआरएसए अतिवादी बंगाली आतंकवादियों द्वारा इनकी हत्या की गई.’’
Bureau Report
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