शिकागो: कैंसर से जूझ रहे एक 9 साल के बच्चे ने इस गंभीर बीमारी को एक नहीं बल्कि दो बार हराया. हालांकि उसे इसके लिए सात साल का संघर्ष करना पड़ा. घटना अमेरिका के शिकागो की है, जहां लियाम नाम के एक मासूम को साल 2010 में नर्व सेल में होने वाले ‘न्यूरोब्लास्टोमा’ कैंसर ने जकड़ लिया था. इलाज के दौरान कीमोथैरेपी भी की गई, लेकिन इससे बच्चे की सुनने की क्षमता काफी प्रभावित हो गई. अब बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है. इलाज के बाद मां ने पूछा कि कॉक्लियर इंप्लांट से पहले जिंदगी कैसी थी, बच्चे ने कहा सचमुच खामोश थी. दो बार कैंसर को मात देने वाले बच्चे लियाम ने सालों बाद जब अपनी मां की आवाज सुनी तो खुशी से मुस्कुरा उठा. वहीं इस मामले में डॉक्टरों का कहना है कि लियाम सिर्फ 25 फीसदी बातें ही समझ सकेगा.
कीमोथैरेपी के साइड इफेक्ट से सुनने की क्षमता हुई कम
साल 2010 में इलाज के वक्त डॉक्टरों ने उसके बचने की सिर्फ 30 फीसदी संभावना ही जताई थी. ट्रीटमेंट शुरू हुआ तो पहले पेट से ट्यूमर निकाला गया फिर कीमोथैरेपी शुरू की गई. कीमोथैरेपी से कैंसर निजात तो मिल गई लेकिन उसके साइड इफेक्ट से लियाम के कान की कोशिकाएं प्रभावित हुई.
6महीने बाद फिर कैंसर को हराया
लेकिन अभी लियाम को एक और परीक्षा देनी थी. करीब छह महीने बाद उसे एक बार फिर कैंसर ने घेर लिया और पिछली बार की तरह लियाम ने इस बार भी कैंसर को मात दी लेकिन वह कुछ भी सुन नहीं पा रहा था. इसके बाद डॉक्टरों की एक टीम ने दिमाग में एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगाकर कॉक्लियर इंप्लांट किया. करीब 7 साल बाद जब लियाम ने पहली बार अपनी मां की आवाज सुनी तो वह खुशी से मुस्कान उठा.
Bureau Report
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