2001 का वो दिन जिसने दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका को हिलाकर रख दिया था.

2001 का वो दिन जिसने दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका को हिलाकर रख दिया था.नईदिल्ली: उस हादसे को 16 साल बीत चुके हैं, लेकिन आज भी अमेरिका के किसी निवासी से उस काले दिन के बारे में बात करने पर हादसे की दहशत और उस दौरान हुई मौतों का दुख भीगी आंखों के जरिए सामने आ जाता है. 11 सितंबर 2001 का वो दिन आम दिन की तरह ही था. न्यूयॉर्क शहर के पेंटागन में लोग वहां की शान कहे जाने वाले ट्विन टॉवर्स या वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में अपने-अपने काम के लिए पहुंच चुके थे, वहीं कुछ रास्ते में थे. घड़ी की सुइयां भी रोज की तरह टिक-टिक करती हुई आगे बढ़ रही थीं. लेकिन सुबह के 8:46 बजते ही वो हुआ जिसने अमेरिका ही नहीं बल्कि पूरा दुनिया को हिलाकर रख दिया.

अमेरिका में अब तक का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला हुआ था. एक प्लेन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की एक इमारत से जा टकराया था. इमारत धधक उठी. लोग कुछ समझ पाते, घटना का मतलब निकाल पाते उससे पहले ही 9:03 बजे एक और प्लेन दूसरे टॉवर से भी जा टकराया. चारों ओर अफरा-तफरी मच गई. लोग रोते चिल्लाते हुए वहां से भागने लगे. बिल्डिंग में मौजूद लोग ये जान चुके थे कि वो अब जिंदा नहीं बचेंगे. आग तेजी से बिल्डिंग को अपने आगोश में ले रही थी. बचने के लिए 200 से ज्यादा लोगों ने इमारत से छलांग लगा दी. लेकिन इतनी ऊंचाई से गिरकर बचना नामुमकिन था.

बिल्डिंग के मलबे के साथ ही जमीन पर लोग लाश बनकर गिर रहे थे. चारों ओर धूल का गुब्बार और खून बिखरा था. दक्षिण टॉवर यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 175 की टक्कर से लगी आग में लगभग 56 मिनट तक जलने के बाद सुबह 9:59 बजे गिर गया. उत्तरी टॉवर लगभग 102 मिनट तक जलने के बाद 10:28 बजे ढह गया. उत्तरी टॉवर ढहा तो इसका मलबा पास की 7 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर इमारत पर गिरा, जिससे वह भी क्षतिग्रस्त हो गई और उसमें आग लग गई. यह आग घंटों तक जलती रही, जिससे इमारत की संरचनात्मक मजबूती चरमरा गई, इसके कारण शाम 5:20 बजे पूर्वी सायबान टूटकर गिर पड़ा और 5:21 बजे पूरी इमारत ढह गई.

आतंकवादियों के एक अन्य समूह ने सुबह 9:37 बजे अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 77 को पेंटागन से टकरा दिया. अपहर्णकर्ताओं के कब्जे वाली यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 93 विमान पर सवार यात्रियों और अपहरणकर्ताओं के बीच लड़ाई के बाद सुबह 10:03 बजे, पेंसिल्वेनिया में शैंक्सविले के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गई. माना जाता है कि आतंकवादियों का अंतिम लक्ष्य या तो कैपिटल (संयुक्त राज्य अमेरिका कांग्रेस का बैठक स्थल) या व्हाइट हाउस था.

इस हमले में 2996 की मौत हुई जिनमें 19 अपहरणकर्ता और 2,977 पीड़ित थे. जो लोग इमारत में फंसे लोगों को बचाने गए वो भी जिंदा वापिस नहीं लौट सके. मरने वालों में से 1115 की शिनाख्त अब तक नहीं हो सकी है. ग्राउंड जीरो से सिर्फ 291 शव ठीक हालत में निकाले जा सके थे. हमले के बाद फायर ब्रिगेड कर्मी 100 दिन में आग पर पूरी तरह काबू पा सके थे.

ओसामा था हमले का जिम्मेदार
इस हमले का जिम्मेदार आतंकी संगठन अलकायदा का प्रमुख ओसामा बिन लादेन था. जिसने अमेरिका को सबक सिखाने के लिए इस साजिश को अंजाम दिया था. ओसामा का नाम सामने आते ही अमेरिका की जनता में लादेन को लेकर आक्रोश फूट पड़ा. तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने अमेरीकी सेनाएं इराक भेज दीं. वहां उसका निशाना सद्दाम हुसैन था, जो मारा गया. इसके साथ ही अफगानिस्तान से तालिबानी शासन हटाने की कवायद भी तेज कर दी गई. लेकिन ओसामा को मारने में कामयाबी नहीं मिली.

बराक ओबामा अमेरिका के नए राष्ट्रपति बने और उन्होंने भी ओसामा की तलाश जारी रखवाई. 2 मई 2011 को अमेरीकी सेना की ओर से पाकिस्तान के ऐबटाबाद में एक सीक्रेट ऑपरेशन चलाया गया. एक हफ्ते पहले ही पुख्ता जानकारी मिली थी कि ओसामा वहीं एक कंपाउंड में रह रहा है. इसे आधार बनाते हुए ऑपरेशन की स्ट्रेटजी तैयार की गई और 2 मई 2011 को आतंक का चेहरा बन चुका ओसामा बिन लादेन अमेरीकी सेना के हाथों मारा गया. 

पुराने ट्विन टॉवर की जगह अब नया वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर बन गया है. लोग आम जिंदगी में लौट चुके हैं, लेकिन हर साल जब भी सिंतबर की 11 तारीख आती है तो उनके जख्म एक बार फिर हरे हो जाते हैं, जिनका भर पाना शायद कभी मुमकिन नहीं हो सकेगा.

9/11 को पीएम ने कुछ ऐसे किया याद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज 11 सितंबर है, विश्व को 2001 से पहले ये पता ही नहीं था कि 9/11 का महत्व क्या है. दोष दुनिया का नहीं था, दोष हमारा था कि हमने ही उसे भुला दिया था. और अगर हम ना भुलाते तो 21वीं शताब्दी का 9/11 ना होता.

इसी दिन इस देश के एक नौजवान ने अपने भाषण से पूरी दुनिया को हिला दिया. गुलामी के 1000 साल के बाद भी उसके भीतर वो ज्वाला थी और विश्वास था कि भारत में वो सामर्थ्य है जो दुनिया को संदेश दे सके.

मोदी ने कहा कि उस भाषण से पहले लोगों को लेडीज एंड जेंटलमैन के अलावा कोई शब्द नहीं पता था. ब्रदर्स एंड सिस्टर्स के बाद 2 मिनट तक तालियां बजती रही थीं. उस भाषण से पूरी दुनिया को उन्होंने अपना बना लिया था.

Bureau Report

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*