बेंगलुरू: शादी करने के बाद उसकी अधिकारिक मान्यता के लिए पंजीकरण कराना बहुत जरूरी होता है. सरकार की ओर से इसके लिए आपको विवाह का प्रमाण पत्र दिया जाता है. यह जरूरी इसलिए भी है क्योंकि विदेश यात्रा से लेकर कई मामलों इसकी जरूरत पड़ती है. हालांकि अभी तक लोगों को इसके लिए पंजीकरण कराने और इस प्रमाण पत्र को लेने के लिए सब रजिस्ट्रार ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ते थे लेकिन अब कर्नाटक के लोग इसे ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे.
कर्नाटक के डाक टिकट और पंजीकरण विभाग ने प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन पोर्टल की ही तरह इसके लिए भी अलग से पोर्टल लॉन्च करने का निर्णय लिया है. इसके जरिए लोगों को घर बैठे शादी का प्रमाण पत्र मिल जाएगा. इस नई प्रणाली को सबसे पहले बेंगलुरू के रजिस्ट्रार ऑफिस से शुरू किया जाएगा. वहीं इस साल के अंत तक यह सेवा राज्य के सभी सब रजिस्ट्रार में शुरू कर दी जाएगी.
पंजीकरण के महानिरीक्षक और डाक टिकट आयुक्त मनोज कुमार मीणा ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में बताया कि इस प्रणाली के लिए राज्य के सभी सब रजिस्ट्रार कार्यालयों से डेटा इकट्ठा किया जाएगा.
सरकार हिंदू विवाह अधिनियम 1955 या विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत शादी का प्रमाण पत्र जारी करती है. फिलहाल राज्य में सिर्फ 15 प्रतिशत विवाह ही पंजीकृत हैं. ऐसे में इस ऑनलाइन पहल का उद्देश्य अधिक से अधिक जोड़ों को अपनी शादियों को पंजीकृत कराने के लिए प्रोत्साहित करना है.
वर्तमान में किसी जोड़े को रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर पहचान प्रमाण, उम्र प्रमाण और दो गवाहों का विवरण देना होता है. इसके बाद शादी का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए कई-कई चक्कर लगाने पड़ जाते हैं लेकिन अब इस प्रणाली के बाद ये भाग दौड़ कम हो जाएगी. वहीं सत्यापन के लिए आधार आधारित ऑनलाइन प्रक्रिया का सहारा लिया जाएगा.
Bureau Report
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