पय्यानूर: केरल में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की अगुवाई में जारी ‘जन रक्षा यात्रा’ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शिरकत करेंगे. इसके लिए वे बुधवार को केरल पहुंचेंगे. गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ माकपा की कथित हिंसा को लेकर विरोध जताने के लिए ‘भारत माता की जय’ के नारों के बीच मंगलवार को 15 दिन की पदयात्रा शुरू की थी. इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ गठबंधन को हाशिये पर धकेलने और लोगों के बीच भाजपा को मजबूत करने की कोशिश करते हुए बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कई केंद्रीय मंत्रियों सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से इसमें शामिल होने को कहा था. माना जा रहा है कि भाजपा केरल में वाम दलों को एक कड़ी चुनौती पेश करने वाली पार्टी के तौर पर उभर रही है.
पहले दिन शाह का माकपा पर ‘हमला’
तीन दिन तक ठहरने के अपने कार्यक्रम के पहले दिन शाह ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के गृह नगर कन्नूर जिले से ‘जन रक्षा यात्रा’ शुरू की थी. नौ किमी पदयात्रा के दौरान उनके साथ काफी संख्या में समर्थक मौजूद रहे. उन्होंने सत्तारूढ़ माकपा पर भाजपा एवं आरएसएस कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्या का आरोप लगाया. शाह ने कहा, ‘‘भाजपा और आरएसएस के 84 से अधिक कार्यकर्ता केवल इस जिले में मारे गए हैं. मैं पिनराई विजयन से पूछना चाहता हूं, उन्हें किसने मारा ? यदि उनके पास जवाब नहीं है तो मैं कहता हूं कि हत्याओं के लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं.’’ भाजपा प्रमुख ने राज्य में राजनीतिक हिंसा में आरएसएस – भाजपा के मारे गए कार्यकर्ताओं के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और उनकी याद में एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया.
कम्युनिस्टों ने केरल की शांति खत्म की
शाह ने आरोप लगाया , ‘‘कम्युनिस्टों ने शांतिपूर्ण केरल को खत्म कर दिया है, केरल में अब तक भाजपा एवं आरएसएस के 120 से अधिक कार्यकर्ता मारे गए हैं.’’ उन्होंने कहा कि यह यात्रा माकपा की हिंसा की राजनीति की अंत की शुरूआत है. उन्होंने लोगों से वाम पार्टी को सत्ता से हटाने और भाजपा की सरकार लाने की अपील की. उन्होंने कहा कि राजनीतिक हिंसा और वाम सरकारें साथ-साथ चल रही हैं. जहां कहीं वाम का शासन है उन राज्यों में राजनीतिक हिंसा देखी जा रही है. शाह ने कहा कि केरल आदि शंकरा, श्रीनारायण गुरू और चेत्ताम्बी स्वामीकल जैसे महान संतो और समाज सुधारकों की भूमि रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि समाज सुधार की यह भूमि वाम के उदय के साथ खूनखराबे वाला प्रांत बन गया है.
जनरक्षा यात्रा हत्याओं के खिलाफ सत्याग्रह
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए शाह ने ‘‘मानवाधिकार के सभी हिमायतियों से अपील की कि हिंसा का कोई रंग नहीं होता और कृपया इस नजरिये को खत्म कीजिए कि लाल हिंसा कोई हिंसा नहीं होती.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हिंसा हिंसा होती है. राष्ट्रवादी एजेंडे पर काम कर रहे 120 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्याएं हुई हैं. आप इन हत्याओं पर चुप हैं. यह आपकी निष्ठा पर सवाल उठाता है.’’ उन्होंने कहा कि यह जनरक्षा यात्रा माकपा द्वारा अत्याचारों और हत्याओं के खिलाफ सत्याग्रह है. पय्यानूर से शुरु होकर जनरक्षा यात्रा राज्य से होते हुए 17 अक्टूबर को तिरूवनंतपुरम में जाकर संपन्न होगी.
इस मार्च में कई केन्द्रीय मंत्री भी शामिल होंगे. भाजपा का आरोप है कि राज्य में वर्ष 2001 के बाद से 120 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की जा चुकी है जिनमें से 84 लोग केवल कन्नूर में मारे गए. गत वर्ष माकपा के सत्ता में आने के बाद से कन्नूर में 14 लोग मारे जा चुके हैं. वहीं माकपा ने राजनीतिक हत्याओं में उसकी सरकार और नेतृत्व की संलिप्तता से इनकार किया है और भाजपा व आरएसएस पर हिंसा का आरोप लगाया है.
Bureau Report
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