आशीष नेहरा जब अपने होम ग्राउंड में परिवार वालों और घरेलू दर्शकों के सामने आखिरी मैच खेलने के लिए उतरेंगे तो मैदान के अंदर और बाहर भावनाओं का मंजर होगा. 19 साल क्रिकेट खेलने वाले 38 साल 186 दिन के नेहरा अंतरराष्ट्रीय टी-20 से रिटायर होने वाले दूसरे सबसे उम्रदराज खिलाड़ी हैं. नेहरा अपने इस आखिरी मैच को नेहरा यादगार बनाना चाहेंगे.
यह देखना जरूर दिलचस्प होगा कि नेहरा को किस गेंदबाज की जगह प्लेइंग इलेवन में शामिल किया जाता है. विराट कोहली एंड कंपनी एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश करेगी.
हर क्रिकेटर चाहता है कि उनका साथी जीत से विदाई ले तथा मौजूदा टीम भी नेहरा को यह सम्मान देने में कसर नहीं छोड़ेगी. अगर भारत जीत दर्ज करता है तो यह उसकी न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 में पहली जीत भी होगी.
आशीष नेहरा ने अपना पहला इंटरनेशनल मैच 1999 में मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में किया था. दिल्ली के 6 फीट के आशीष नेहरा को 20 साल की उम्र में ही 1999 में टेस्ट कैप मिल गया था. साल 2000 में ज़िंबाब्वे उनका पहला दौरा था जब उन्हें पूरी सीरीज में खेलने का मौका मिला.
भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर 15 साल बाद भारत जीत पाया था. लेकिन फिटनेस की समस्या के कारण उनका टेस्ट करियर 5 साल ही चल पाया. 2004 में वे आखिरी बार टेस्ट खेल पाए. वे टखने की चोट से जूझते रहे.
वनडे में आशीष नेहरा का शानदार रिकॉर्ड रहा है. नेहरा ने 120 वनडे मैचों में 157 विकेट झटके हैं. जिसमें दो बार उन्होंने 6-6 विकेट झटके हैं और उनका बेस्ट प्रदर्शन 23 रन देकर 6 विकेट रहा है.
2009 उनके लिए बड़ा साल साबित हुआ. उन्होंने 21 वनडे मैचों में 5.92 के इकॉनमी से 31 विकेट लिए. उसके अगले साल उन्होंने 20 मैचों में 28 विकेट चटकाए. इकॉनमी रेट रहा 5.76. इसके बाद उन्हें 2011 वर्ल्ड कप की टीम में शामिल कर लिया गया.
बाएं हाथ के क्लासिकल तेज गेंदबाज नेहरा की गेंद की रफ्तार, सटीकता और लाइन और लेंथ में बदलाव से बल्लेबाज को चकमा देते रहे. नेहरा की ऑफ साइड के बाहर जाती उनकी गेंद और उनका लेट इनस्विंगर किसी भी बल्लेबाज को परेशान कर सकता था.
वनडे में टीम इंडिया के लिए बेस्ट गेंदबाज रहे आशीष नेहरा ने अपना आखिरी वनडे मैच पाकिस्तान के खिलाफ 2011 वर्ल्ड के सेमीफाइनल में खेला था. लेकिन उस मैच में लगी चोट के कारण उनका वनडे करियर निराशाजनक रूप से खत्म हो गया.
आशीष नेहरा न्यूजीलैंड के खिलाफ 1 नवंबर को होने वाले टी-20 मैच के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देंगे. 19 साल के क्रिकेट करियर के दौरान उनकी 12 बार सर्जरी हुई है.
2011 वर्ल्ड कप के बाद से टीम इंडिया को तेज गेंदबाजों की तलाश रही. इस दौरान भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, पंकज सिंह, धवल कुलकर्णी, वरुण एरन, उमेश यादव, मोहित शर्मा, जयदेव उनादकट और विनय कुमार जैसे गेंदबाजों को मौका दिया गया. लेकिन इनमें से कोई भी नेहरा के स्तर की गेंदबाजी नहीं कर सका. जहीर खान की गेंदबाजी के सामने कहीं ना कहीं नेहरा की गेंदबाजी दब गई.
2003 वर्ल्ड कप में पहुंचाने इंग्लैंड के खिलाफ मैच में नेहरा का 23 रन देकर 6 विकेट वाला प्रदर्शन आज भी फैंस को याद है. नेहरा ने भारत के ग्रुप स्टेज के पांचवे मैच में अंग्रेजों पर अपना कहर बरपाया था.
वर्ल्ड कप के इस मैच में नेहरा को उल्टियां भी हुईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. एनर्जी जुटाने के लिए नेहरा को केला खिलाया गया.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज में नेहरा को एक भी मैच खेलने को नहीं मिला जिसके बाद उन्होंने टीम मैनेजमेंट से कह दिया है कि यह उचित होगा कि अच्छा प्रदर्शन कर रहे जूनियर खिलाड़ियों को मौके मिलें.
38 साल के आशीष नेहरा के चयन पर क्रिकेट जानकारों ने सवाल उठाए थे, जिसके बाद नेहरा ने कहा था कि ‘मैं अभी फिट हूं और भारत के लिए 2 साल और क्रिकेट खेल सकता हूं.’
Bureau Report
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