सूरत: नोटबंदी का एक साल पूरे होने के मौके पर बुधवार (8 नवंबर) को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि नोटबंदी और उसके बाद माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन से सूरत के कपड़ा और हीरा कारोबार की टांग टूट गई. नोटबंदी का एक साल पूरा होने के मौके पर विपक्ष आज (बुधवार, 8 नवंबर) देशभर में ‘काला दिन’ मना रहा है. गांधी ने बुधवार (8 नवंबर) को यहां कातरगाम औद्योगिक विकास क्षेत्र में निर्माण इंडस्ट्रीज के करघा कारखाने में उद्योग के प्रतिनिधियों और श्रमिकों के साथ बातचीत में कहा कि एक साल पहले देश की अर्थव्यवस्था पर हमला किया गया था.
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैंने यहां लोगों से बात की है. उन्होंने बताया कि नोटबंदी और उसके बाद जीएसटी ने सूरत उद्योग की टांग तोड़ दी. इन दो झटकों से सिर्फ यहीं नहीं, बल्कि पूरे देश में उद्योग समाप्त हो गया है.’’ गांधी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोगों ने कहा कि उन्हें डराया जा रहा है. लेकिन सच को दबाया नहीं जा सकता. यह सामने आएगा.’’ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार द्वारा एक जुलाई से पेश की गई नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था पर निशाना साधते हुए गांधी ने कहा, ‘‘हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी और वित्त मंत्री अरुण जेटलीजी से कहा था कि जीएसटी को इस तरीके से लागू नहीं किया जाए.’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई राजनीतिक चीज नहीं है, जो कांग्रेस और भाजपा के बीच की बात हो. यह देश की प्रतिस्पर्धा की बात है, हमें चीन से मुकाबला करना है. आप कृपया हमारे उद्योग और कारोबार को न मारें. लेकिन उन्होंने कहा कि हम इसे आज 12 बजे मध्यरात्रि से लागू करने जा रहे हैं.’’ गांधी ने कहा कि मीडिया के लोग हमसे पूछते थे कि हम जीएसटी क्यों लागू नहीं होने दे रहे हैं, उसका जवाब है कि हम सूरत और देश को बचाना चाहते थे.
गांधी ने कहा कि जीएसटी का मतलब एक देश एक कर है. लेकिन मोदीजी ने जो जीएसटी लागू किया है उसकी पांच परतें हैं, वह काम नहीं करेगा. हमने कहा था कि जीएसटी में अधिकतम कर 18 प्रतिशत होनी चाहिए, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी. कांग्रेस और विपक्षी दल बुधवार (8 नवंबर) को नोटबंदी के एक साल पूरे होने पर कालादिन मना रहे हैं.
वहीं दूसरी ओर सीबीआई ने नोटबंदी के बाद अवैध तरीके से मुद्रा बदलने से जुड़े 84 मामलों में 396 करोड़ रुपये का कालाधन का पता लगाया. इन मामलों को सीबीआई ने दर्ज किया है. सरकार ने एक साल पहले 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर पाबंदी लगायी थी. जांच एजेंसी ने बुधवार (8 नवंबर) को यहां जानकारी दी. इन 84 मामलों में सात प्रारंभिक जांच के मामले शामिल हैं. ये मामले वाणिज्यिक बैंकों, सहकारी-बैंकों, डाकघरों, रेलवे और बीमा कंपनी में धोखाधड़ी कर चलन से हटाये गये नोटों को बदले जाने से जुड़े हैं.
सीबीआई के अनुसार उसने यह सुनिश्चित किया है कि कानून के उल्लंघन से जुड़ी प्रत्येक सूचना पर गौर किया जाएगा और उसकी जांच की जाएगी तथा जरूरत पड़ने पर मामले दर्ज किये जाएंगे. एजेंसी को आम लोगों से 92 शिकायतें मिली हैं. इन शिकायतों में विभिन्न संगठनों में अवैध लेन-देन की सूचना दी गयी है.
Bureau Report
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