नईदिल्ली: कर्नाटक के स्टाइलिश बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा आज अपना 32वां जन्मदिन मना रहे हैं. 11 नवंबर 1985 को कर्नाटक के कुर्ग में जन्मे रॉबिन को शार्टर फॉर्मेट का बेहतरीन खिलाड़ी माना जाता है. उथप्पा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत ज्यादा मौके नहीं मिले और उनकी जिंदगी भी काफी उतार-चढ़ाव से भरी रही है. रॉबिन को उनकी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है. इसके अलावा जरुरत पड़ने पर वे विकेटकीपर की भूमिका भी अदा कर सकते हैं. आईपीएल के कई मैचों में वह विकेटकीपर बल्लेबाज की हैसियत से उतर चुके हैं.
उथप्पा के पिता वेणु अंतरराष्ट्रीय हॉकी रेफरी रह चुके हैं. हॉकी से जुड़े परिवार से आने बावजूद उथप्पा ने अपने भविष्य के लिए क्रिकेट को ही चुना. उथप्पा काफी कम उम्र से क्रिकेट खेल रहे हैं. यूं तो क्रिकेट इतिहास में रॉबिन उथप्पा की कुछ खास पारियां नहीं रही हैं, लेकिन फिर भी टी-20 में उन्होंने एक ऐसी गेंद फेंकी थी, जिसने इतिहास लिख दिया था.
दरअसल, उथप्पा ने टी-20 क्रिकेट में सिर्फ एक ही गेंद फेंकी है, जिसने उन्हें अमर बना दिया. यह बॉल उन्होंने अपने पहले टी-20 मैच में पाकिस्तान के खिलाफ बॉल आउट के दौरान बॉल डाली थी, जो सीधे स्टंप्स पर लगी और भारत ने क्रिकेट इतिहास का पहला और आखिरी बॉल आउट जीत लिया.
टी-20 वर्ल्डकप के रोमांचक मैच में पाकिस्तान के खिलाफ ग्रुप मुकाबले के दौरान उथप्पा ने यह कारनामा करके दिखाया था. इस मैच में एक के बाद एक भारतीय विकेट गिरते जा रहे थे, लेकिन रॉबिन विकेट पर जमे हुए थे. पाकिस्तान के तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ की खतरनाक गेंदबाजी के बीच उन्होंने 39 गेंदों पर चार चौकों और दो छक्कों की मदद से 50 रन बनाए
इस मैच में टीम इंडिया के सभी धुरंधर फ्लॉप साबित हुए थे. गौतम गंभीर 0, सहवाग 5, युवराज 1 और दिनेश कार्तिक 11 रन बनाकर पवेलियन लौट चुके थे. उथप्पा के बाद टीम के टॉप स्कोरर तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (33 रन) रहे थे. भारत की ओर से बनाए गए 141 रनों के जवाब में पाकिस्तानी टीम ने भी 20 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 141 रन बनाए थे.
मैच टाई होने के बाद बॉल आउट का फैसला लिया गया था, जिसमें दोनों टीमों के 5-5 गेंदबाजों को स्टंप को हिट करना था. भारत ने इसके लिए सहवाग, उथप्पा, श्रीसंत, पठान और हरभजन को यह करना था, जबकि पाकिस्तान के लिए यह जिम्मेदारी तनवीर, अराफात, अफरीदी, उमर गुल और मोहम्मद आसिफ को सौंपी गई थी.
भारत के लिए सहवाग, हरभजन और उथप्पा ने स्टंप को हिट किया जबकि अराफात, गुल और अफरीदी, तीनों स्टंप मिस कर गए. बॉल आउट में 3-0 से जीत भारत के खाते में आई थी. उथप्पा के इस स्टंप हिट ने उन्हें क्रिकेट इतिहास में अमर बना दिया.
बता दें कि 2002 में ही उथ्प्पा ने 17 साल की उम्र में ही कर्नाटक के लिए रणजी क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया. इससे पहले उन्होंने कर्नाटक के लिए फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था और अपनी पहली पारी में 61 रन भी बनाए. उथप्पा ने 2004 की अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम का भी हिस्सा रहे है.
अपने वनडे डेब्यू में उथप्पा ने इंग्लैंड के खिलाफ इंदौर में 86 रनों की पारी खेली. यह उस वक्त डेब्यू मैच में भारत के लिए सर्वाधिक स्कोर था. उन्होंने बृजेश पटेल का रिकॉर्ड तोड़ा, जिन्होंने 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में 82 रन बनाए थे.
Bureau Report
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