उदयपुर: राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने रविवार को कहा कि ‘पद्मावती’ के रिलीज होने पर प्रदेश में कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. हालांकि उन्होंने कहा कि फिल्म में यदि कुछ भी आपत्तिजनक सामग्री है, तो उसे ठीक किया जाना चाहिए. कटारिया ने कहा कि रानी पद्मावती को जाति के आधार पर नहीं देखा सकता है. वह देश की प्रतीक हैं और फिल्म में लोगों की भावनाओं को आहत करने वाली सामग्री है, तो उसे ठीक किया जाना चाहिए. इस बीच उदयपुर में फिल्म की रिलीज पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध को लेकर कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है. गौरतलब है कि राजपूत समाज के लोग संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ पर इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.
उधर, संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. केंद्रीय मंत्री उमा भारती के बाद इस मामले में मोदी सरकार के एक और मंत्री गिरिराज सिंह कूद पड़े हैं. गिरिराज ने सवालिया लहजे में कहा, “क्या भंसाली या किसी और शख्स में दम है कि किसी और धर्म पर फिल्म बनाए या उस पर टिप्पणी करे?” सिंह ने आगे कहा कि वे हिंदू गुरू, देवी-देवताओं औ योद्धाओं पर फिल्म बनाते हैं. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. गौरतलब है कि फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली है.
इससे पहले शनिवार को उमा भारती ने फिल्म पर सवाल उठाते हुए ट्विटर पर एक खुला खत जारी किया था. उमा भारती ने खत में लिखा था कि रानी पद्मावती के विषय पर मैं तटस्थ नहीं रह सकती. मेरा निवेदन है कि पद्मावती को राजपूत समाज से न जोड़कर भारतीय नारी के अस्मिता से जोड़ा जाए. उमा भारती ने खत में सवाल उठाया है कि उन्होंने फिल्म नहीं देखी है, लेकिन लोगों के मन में आशंकाओं का जन्म क्यों हो रहा है? उन्होंने कहा है कि इन आशंकाओं का लुत्फ मत उठाइए और वोट बैंक भी मत बनाइए.
Bureau Report
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