लखनऊ: राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी जनपदों में जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में गो-संरक्षण समिति गठित करने का निर्णय लिया है. इन समितियों के माध्यम ये जनपद में कार्यरत गोशालाओं का व्यवस्थित एवं सुचारु संचालन सुनिश्चित किया जाएगा ताकि गो-शालाओं की व्यवस्था बेहतर हो सके और गो वंशीय पशुओं की उचित देख-रेख हो. साथ ही गौ जनित विभिन्न पदार्थों के उत्पादन से समितियों को स्वावलम्बी बनाया जायेगा. प्रदेश के प्रमुख सचिव, पशुधन डॉ सुधीर एम. बोबड़े ने बताया कि सम्बद्ध जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित इन समितियों में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तथा मुख्य विकास अधिकारी उपाध्यक्ष होंगे. मुख्य पशुचिकित्साधिकारी सदस्य-सचिव होंगे.
वन विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, पंचायतीराज विभाग, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, लघु सिंचाई विभाग के जिला स्तरीय अधिकारीगण, अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत, जनपद के समस्त नगर निकायों के मुख्य अधिशाषी अधिकारीगण, जनपद की समस्त निबंधित गो-शालाओं के अध्यक्ष अथवा महामंत्री जिनको गो-शालाओं द्वारा नामित किया जाएगा, सदस्य के रुप में नामित किये जाएंगे . इसके साथ उत्तरप्रदेश गो-सेवा आयोग द्वारा नामित दो गो-सेवा प्रेमी व्यक्ति सदस्य होंगे.
उन्होंने बताया कि गो-संरक्षण समितियां अपने जनपद में कार्यरत गो-शालाओं का सुचारु संचालन सुनिश्चित करेंगी तथा उनको स्वावलम्बन की ओर बढ़ाने हेतु बायोगैस, कम्पोस्ट, पंचगव्य से बनाये जाने वाले विभिन्न पदार्थों जैसे-साबुन, अगरबत्ती, मच्छर भगाने की कॉयल, गोनाइल अर्थात गोमूत्र से बनी फिनाइल आदि के उत्पादन एवं विक्रय में सहायता प्रदान करेंगी. प्रमुख सचिव पशुधन ने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों की गो-संरक्षण समितियां उ0प्र0 गो-सेवा आयोग के पर्यवेक्षण में कार्य करेंगी.
गठित समितियों की बैठक त्रैमासिक रुप से आयोजित की जाएगी. उन्होंने कहा कि इन समितियों के गठित हो जाने पर गो-शालाओं की स्थिति में वांछित सुधार होगा . इससे गो-पालन कार्यक्रम को प्रोत्साहन भी मिलेगा . यह समितियां समय-समय पर गो-शालाओं को बेहतर बनाने में पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगी. इस सम्बंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है.
Bureau Report
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