नईदिल्ली: सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के आश्रम के बाद देश की नजर रोहिणी के विजय विहार स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम पर चल रहे एक आश्रम पर टिक गई हैं. गौरतलब है कि रोहिणी में बाबा वीरेंद्र के आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में गुरुवार को हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त टीम ने 9 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था. इस दौरान 41 लड़कियों को वहां से मुक्त कराया गया. कई लोगों ने आरोप लगाया है कि बाबा यहां बंधक बना कर रखी गईं कम उम्र लड़कियों को दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न का शिकार बनाता रहा है.
शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में हुई इस मामले की सुनवाई में कोर्ट एक बार फिर वीरेंद्र देव दीक्षित को लेकर नाराज नजर आई. कोर्ट ने कहा है कि अगर आश्रम के संचालक वीरेंद्र देव दीक्षित के बारे में जानकारी नहीं पेश की गई तो वारंट जारी कर दिया जाएगा. कोर्ट ने इसके साथ ही दीक्षित के सभी 8 आश्रमों की लिस्ट भी मांगी है.
रोहिणी में बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के आश्रम के पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने मीडिया को बताया, “पिछले 20-22 वर्षों में, कई शिकायतकर्ताओं ने पुलिस से संपर्क किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. मुझे मीडिया में आवाज उठाने के लिए धमकी भी दी गई थी, लेकिन मुझे डर नहीं था. मैं निर्दोष लड़कियों को बचाना चाहती थी.”
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