नईदिल्ली: 1.76 लाख करोड़ रुपये के 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के छह साल बाद सीबीआई की विशेष कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि सरकारी वकील आरोप साबित करने में आरोप रहे. कोर्ट ने यह भी कहा कि सीबीआई आरोप साबित करने में नाकाम रही. इस मामले में डीएमके नेता ए राजा, डीएमके सांसद कनिमोझी समेत 17 आरोपी रहे. कोर्ट के फैसले के बाद बचाव पक्ष के वकील हरिहरन ने कहा कि सारा मामला धारणा पर आधारित था.
कोर्ट ने पाया कि इस संबंध में कोई भी सबूत पेश नहीं किया जा सका. लिहाजा सभी आरोपियों को बरी किया जाता है. फैसला आने के बाद कोर्ट के बाहर ए राजा और कनिमोझी के समर्थकों में जश्न का माहौल देखा गया. कनिमोझी के घर के बाहर भी समर्थकों को जश्न मनाते देखा गया. कोर्ट में इस फैसले से पहले लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई थी.
इस मामले में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने जी न्यूज से बातचीत करते हुए कहा कि मेरी जीरो लॉस थ्योरी सही साबित हुई. इस तरह का कोई घोटाला हुआ ही नहीं है. उन्होंने कहा कि घोटाले को लेकर शक का माहौल पैदा किया गया. डीएमके नेता और राज्यसभा सांसद कनिमोझी ने फैसले के बाद कहा कि मैं उन सभी लोगों का आभार प्रकट करना चाहती हूं जो इस दौरान मेरे साथ खड़े रहे. 2G केस में फैसला आने के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही राज्यसभा में हंगामा भी हुआ. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सबसे पहले इस मुद्दे को उठाया.
ये घोटाला यूपीए सरकार के दौरान हुआ था. सीबीआई के विशेष जज ओपी सैनी द्वारा 2जी घोटाले में सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज अलग-अलग मामलों में फैसला सुनाएंगे. 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सुनवाई छह साल पहले 2011 में शुरू हुई थी जब अदालत ने 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे. जिन आरोपों में आरोप तय किए गए हैं उनमें छह महीने से उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है.
Bureau Report
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