गया: तीन साल बाद एक बार फिर से बौद्ध धर्म के लोगों के पवित्र स्थल विश्वदाय महाबोधि मंदिर को दहलाने की कोशिश की गई. यह साजिश उस वक्त रची गई जब बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा बोधगया के महाबोधि मंदिर में खुद मौजूद थे. शुक्रवार को बोधगया के मंदिर परिसर के गेट संख्या 4 के पास बीएसएफ के एक जवान को पहला बम दिखा, जिसके बाद पुलिस ने मंदिर परिसर में छानबीन शुरू की. पहले बम के मिलने के कुछ ही देर बाद मंदिर परिसर से महज 100 मीटर की दूरी पर पुलिस ने दूसरा बम बरामद किया.
विस्फोटक मिलने की घटना के बाद आसपास के इलाके में सघन तलाशी ली गई और इस क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था पहले से ही कड़ी थी, जिसे और बढ़ा दिया गया है.
बम की सूचना मिलते ही पुलिस और बम निरोधक दस्ते ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बम को डिफ्यूज करने के लिए मंदिर से तीन किलोमीटर दूर स्थित निरंजन नदी के पास ले गई. मंदिर परिसर में बम बरामद किए जाने के बाद हड़कंप मच गया. आनन-फानन पुलिस ने पूरे इलाके को कब्जे में ले लिया और लोगों को सुरक्षित परिसर से बाहर निकाला.
दलाई लामा भी गया में हैं मौजूद
धार्मिक गुरु दलाई लामा 1 जनवरी को बोधगया आए थे और 2 जनवरी को पहली बार मंदिर में पूजा की. मंदिर में पूजा करने के बाद दलाई लामा का टीचिंग कार्यक्रम की शुरुआत हुई. स्थानीय कालचक्र मैदान में उनका प्रतिदिन प्रवचन चल रहा है. दलाई लामा के प्रवास को लेकर पुलिस प्रशासन पहले से ही बोधगया में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाए जाने का दावा कर रही थी. शुक्रवार को ही बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक अपने पूरे परिवार के साथ मंदिर में पूजा करने के लिए पहुंचे थे और शाम को 5 बजे वहां से पटना के लिए रवाना हो गए थे. राज्यपाल सत्यपाल के जाने के कुछ ही घंटों बाद मंदिर परिसर में इस वारदात को अंजाम देने की योजना बनाई गई थी.
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
मंदिर परिसर से कुछ दूरी पर मिले बम के बाद एक बार फिर से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे हैं. यह घटना उस समय सामने आई जब तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा बोध गया के दौरे पर आए हुए हैं और पुलिस ने दूसरा बम दलाई लामा के निवास स्थान से कुछ ही दूरी पर बरामद किया है. वहीं, इस मामले पर बिहार पुलिस में वरिष्ठ अधिकारी एनएच खान ने बताया है कि दलाई लामा के भाषण के बाद वह मोनेस्ट्री में आराम करने के लिए गए हुए थे. दलाई लामा जैसे ही मोनेस्ट्री में आराम करने पहुंचे कि कालचक्र परिसर में एक छोटा सा विस्फोट हुआ, जिसके बाद पुलिस ने मंदिर परिसर की छानबीन शुरू कर दी.
2013 में हुए थे बम धमाके
गौरतलब है कि इससे पहले भी बौद्ध गया को आंतकी अपने निशाने पर ले चुके हैं. वर्ष 2013 में 7 जुलाई को महाबोधि मंदिर समेत कई स्थलों पर एक के बाद एक धमाके हुए थे. इन बम धमाकों में दो लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई थी. इन धमाकों के बाद पुलिस ने मंदिर परिसर से पांच किलोग्राम का सिलेंडर बम मिला था, जिसे बाद में बम निरोधक दस्तों ने निष्क्रिय कर दिया था.
Bureau Report
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