बिहार: चारा घोटाले में दोषी पाए गए राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख तथा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को अब कल गुरुवार को सजा सुनाई जाएगी. सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा आज सजा का ऐलान किया जाना था, लेकिन एक वरिष्ठ अधिवक्ता विंदेश्वरी प्रसाद का निधन हो जाने के कारण आज अदालती कार्रवाई नहीं हो सकी और फैसले को कल तक के लिए टाल दिया गया. लालू समेत 16 लोगों को 23 दिसंबर को सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से 89 लाख़, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मामले में दोषी ठहराया था. पुलिस ने उसी दिन सभी को हिरासत में लेकर रांची की बिरसा मुंडा सेंट्रल भेज दिया था.
सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू यादव को धोखाधड़ी करने, साजिश रचने और भ्रष्टाचार के आरोप में आईपीसी की धारा 420, 120-बी और पीसी एक्ट की धारा 13(2) के तहत दोषी ठहराया था. 1994 से 1996 के बीच देवघर जिला कोषागार से फर्वीवाड़े तरीके से 84.5 लाख रुपये निकाले गए थे.
बता दें कि सीबीआई ने इस मामले में देवघर कोषागार से फर्जी बिल बना कर राशि की निकासी करने का आरोप सभी पर लगाया था. आपूर्तिकर्ताओं पर सामान की बिना आपूर्ति किए बिल देने और विभाग के अधिकारियों पर बिना जांच किए उसे पास करने का आरोप है. लालू प्रसाद पर गड़बड़ी की जानकारी होने के बाद भी इस पर रोक नहीं लगाने का आरोप है. डॉ. जगन्नाथ मिश्र पर पशुपालन विभाग के उन अधिकारियों को सेवा विस्तार की सिफारिश करने का आरोप था, जो इस घोटाले में शामिल थे.
लालू रह गए सन्न…
23 दिसंबर को रांची की विशेष सीबीआई अदालत में पेशी पर पहुंचे लालू यादव का नाम जब पुकारा गया तो उन्होंने कटघरे में खड़े होकर हाथ ऊपर कर अपनी हाजरी दी. उसके बाद जब अदालत ने चारा घोटाले में लालू यादव को दोषी करार दिया तो वे सन्न रह गए. लालू यादव के मुंह से निकल गया देखो न डॉक्टर साहेब (जगन्नाथ मिश्र) को छोड़ दिया हमको सजा दे दिया… गजबे किया…
Bureau Report
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