तो इस तरह राज्यसभा में भी BJP होगी सबसे बड़ी पार्टी, कांग्रेस को होगा नुकसान

तो इस तरह राज्यसभा में भी BJP होगी सबसे बड़ी पार्टी, कांग्रेस को होगा नुकसाननईदिल्ली: बहुमत नहीं होने कारण सरकार द्वारा जोर-शोर से पेश किया गया तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास नहीं हो पाया. लोकसभा में जिस बिल का कांग्रेस ने सपोर्ट किया था, वही पार्टी बहुमत में होने पर बिल के विरोध में खड़ी हो गई और बीजेपी के तीन तलाक बिल को शीतकालीन सत्र में पारित नहीं होने दिया. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. लोकसभा में बहुमत रखने वाली बीजेपी अप्रैल में राज्यसभा में भी बहुमत में आ जाएगी. अप्रैल में राज्यसभा के 55 सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है. इनकी जगह चुनकर आने वाले सदस्यों में बीजेपी को छह सीटों का फायदा हो सकता है और कांग्रेस को चार सीटों का नुकसान झेलना पड़ सकता है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि अप्रैल में भाजपा के 23, कांग्रेस के आठ और अन्य दलों के 21 सदस्य जीतकर आ सकते हैं.

अप्रैल में 55 सदस्य होंगे रिटायर
उच्च सदन की तस्वीर अप्रैल माह में बदलेगी जब कुल 55 सदस्यों का कार्यकाल पूरा होगा. अप्रैल में जिनका कार्यकाल पूरा होगा उनमें केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली, जेपी नड्डा, रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी, राजीव शुक्ला, रेणुका चौधरी तथा मनोनीत सदस्य रेखा एवं सचिन तेंदुलकर शामिल हैं. इस समय राज्यसभा में बीजेपी के 58 और कांग्रेस के 57 सदस्य हैं. अप्रैल में वर्तमान 55 सदस्यों की जगह नए सदस्यों के आगमन के बाद भाजपा सदस्यों की संख्या 64 और कांग्रेस की 53 हो सकती है.

यूपी और महाराष्ट्र से मिलेगा फायदा
उत्तर प्रदेश विधानसभा की वर्तमान स्थिति के अनुसार राज्यसभा की इस राज्य से खाली हो रही नौ सीटों में से सात भाजपा को मिल सकती हैं, जबकि दो विपक्षी दलों के पास जा सकती हैं. हरियाणा से खाली हो रही एक सीट भाजपा के पास रह सकती है. मध्य प्रदेश की पांच सीटों में से भाजपा को चार और कांग्रेस को एक मिल सकती हैं. आंध्र प्रदेश की तीन में से दो टीडीपी को एवं एक अन्य को मिल सकती है. महाराष्ट्र की छह सीटों में से कम से कम दो भाजपा, एक शिवसेना तथा एक कांग्रेस और एक राकांपा के पास जा सकती है. राज्य की छठवीं सीट को लेकर कांटे की टक्कर होगी. कर्नाटक की चार में से तीन सीट कांग्रेस एवं अन्य और एक भाजपा के पास आ सकती है. पश्चिम बंगाल से रिक्त हो रही राज्यसभा की चार सीटों में से तीन तृणमूल कांग्रेस और एक माकपा के पास जाने की संभावना है. गुजरात में चार में से दो भाजपा और दो कांग्रेस के पास जा सकती हैं.

छत्तीसगढ़ की अकेली सीट भाजपा की झोली में जाने की संभावना है. बिहार की पांच में से तीन सीटें जदयू-भाजपा और दो राजद तथा कांग्रेस को मिल सकती हैं. उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश की एक एक सीट भाजपा की झोली में जा सकती हैं. तेलंगाना की दो में से टीआरएस के पास एक और कांग्रेस के पास एक जा सकती है. राजस्थान में तीनों भाजपा की झोली में जा सकती हैं. ओडिशा में तीन में से दो बीजद और एक अन्य के पास जा सकती है.

अप्रैल में भाजपा के 17, कांग्रेस के 12, समाजवादी पार्टी के छह, बसपा, शिवसेना, माकपा के एक-एक, जदयू, तृणमूल कांग्रेस के 3-3, तेदेपा, राकांपा, बीजद के 2-2 निर्दलीय दो तथा मनोनीत तीन सदस्य का कार्यकाल पूरा होने जा रहा हैं. उच्च सदन एक स्थायी सदन है जिसमें हर दो वर्ष के भीतर दोतिहाई सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो जाता है.

उच्च सदन में कमजोर हुई BJP : लोकसभा में बहुमत के बल पर बिल पास कराने वाली बीजेपी राज्यसभा में विपक्ष के आगे कमजोर साबित हो रही है. 245 सदस्यीय वाली राज्यसभा में बीजेपी के 57, कांग्रेस के 57, तृणमूल कांग्रेस के 12 सदस्य हैं. एनडीए गठबंधन वाली केंद्र सरकार के पास उच्च सदन में  88 सदस्य हैं. यहां बिल को पास कराने में केंद्र को 35 और सदस्यों की जरूरत है, जोकि किसी भी लिहाज से केंद्र के पक्ष में आना मुश्किल हैं. इस तरह यहां इस बिल को पास कराना सरकार के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है. 

Bureau Report

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