‘पद्मावत’ विवाद: करणी सेना ने पीएम मोदी और RSS की चुप्पी को लेकर उठाए सवाल

'पद्मावत' विवाद: करणी सेना ने पीएम मोदी और RSS की चुप्पी को लेकर उठाए सवालनईदिल्लीः संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ की रिलीज को लेकर भले ही सेंसर बोर्ड से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने हरी झंडी दे दी हो लेकिन फिल्म का विरोध कर रही राजपूत करणी सेना ने अपने तेवर कम नहीं किए है. करणी सेना के सुखदेव सिंह ने मीडिया को बताया, ‘हमें हमारे वकीलों ने बताया है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में आखिरी में लिखा है कि यदि कानून-व्यवस्था बिगड़ती हो तो राज्यों को यह अधिकार है कि वह फिल्म की रिलीज को लेकर कोई निर्णय ले सके.’ उन्होंने कहा कि करणी सेना इस फिल्म पर से बैन हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बड़ी बेंच और राष्ट्रपति तक के पास लेकर जाएगी. 

सुखदेव सिंह ने काफी गुस्से भरे स्वर में कहा कि इस फिल्म के जरिए देश में हिंदुत्व को नीचा दिखाया जा रहा है. करणी सेना के नेता ने कहा है कि हिंदुत्व की बात करने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और पीएम मोदी की चुप क्यों है?

‘वीएचपी के प्रवीण तोगड़िया की शुक्रिया’
करणी सेना सुखदेव सिंह ने कहा कि मैं विश्व हिंदू परिषद के प्रवीण तोगड़िया का धन्यवाद देता हूं जिन्होंने फिल्म  ‘पद्मावत’ को बैन किए जाने का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि ‘पद्मावत’ फिल्म देश में हिंदू और मुस्लमानों के बीच विवाद पैदा करेगी. इस फिल्म से राजपूतों और ब्राह्मणों के बीच भी विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और सेंसर बोर्ड को चाहिए की पहले यह फिल्म 10 इतिहासकारों को दिखाए फिर इसके रिलीज के बारे में सोचे.

करणी सेना की प्रसून जोशी को धमकी
सुखदेव सिंह ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेश (CBFC) के प्रमुख प्रसून जोशी को लेकर भी धमकी दी है. उन्होंने कहा है कि ‘हम प्रसून जोशी को राजस्थान में घुसने नहीं देंगे.’ सुखदेव सिंह ने कहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट में बड़ी बेंच के पास जाएंगे और फिल्म पर बैन लगाने की अपनी मांग को रखेंगे. 

कलवी ने पीएम मोदी से की हस्तक्षेप की मांग
इसके अलावा करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह कलवी ने कहा है कि, लॉ एंड ऑडर को लेकर मुख्यमंत्रियों के बयान आना शुरू हो गए है. गुजरात के सीएम ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए फिल्म पर लगाया बैन जारी रखा है. उन्होंने कहा कि पूरा राजपूत समाज इस वक्त पीएम मोदी की तरह देख रहा है. यह बहुत गंभीर मामला है उन्हें हस्तक्षेप करना चाहिए. कलवी ने बताया कि यदि राज्य सरकार को ऐसा लगता हो कि किसी फिल्म के रिलीज से राज्य में कानून व्यवस्था खराब हो सकती है तो ऐसी स्थिति में वह फिल्म की रिलीज रोक सकती है. उन्होंने इसका उदाहरण देते हुए कहा कि, राजस्थान में आशुतोष गोवारिकर की फिल्म जोधा अकबर (2008) और गुजरात में यश राज फिल्म की फना (2006) को सेंसर बोर्ड की हरी झंडी मिलने के बाद भी बैन कर दिया गया था. 

सेंसर सर्टिफिकेट को रद्द करने की याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ‘पद्मावत’ को सेंसर बोर्ड द्वारा दिए गए सर्टिफिकेट को गैर कानूनी बताने वाली याचिका को खारिज कर दिया. इस याचिका को खारिज करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा की अध्‍यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने कहा, ‘अदालत, संविधान के अनुसार चलती है और हम कल ही अपने अंतरिम फैसले में यह कह चुके हैं कि राज्‍य सरकारों के पास किसी भी फिल्‍म की स्‍क्रीनिंग रोकने का अधिकार नहीं है.’ यह याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा ने दाखिल की थी.

सुुप्रीम कोर्ट ने फिल्म से बैन हटाया
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 18 जनवरी को फिल्म ‘पद्मावत’ की 25 जनवरी को देशभर में रिलीज का रास्ता साफ कर दिया था. शीर्ष अदालत ने गुजरात और राजस्थान में इस विवादित फिल्म के प्रदर्शन पर लगी रोक हटा दी थी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अन्य राज्यों पर फिल्म के प्रदर्शन पर पाबंदी लगाने की इस तरह की अधिसूचना या आदेश जारी करने पर रोक लगा दी. इस फिल्म की कहानी 13वीं सदी में  महाराजा रतन सिंह एवं मेवाड़ की उनकी सेना और दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के बीच हुए ऐतिहासिक युद्ध पर आधारित है.

करणी सेना ने फिल्म पद्मावत के रिलीज के दिन ‘जनता कर्फ्यू’ लगाने का किया आह्वान
रिलीज होने से पहले ही विवादों में आ चुकी फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ के मुखर विरोधी संगठन श्री राजपूत करणी सेना के संरक्षक लोकेन्द्रसिंह कालवी ने लोगों से फिल्म की रिलीज की तारीख 25 जनवरी के दिन पूरे देश में फिल्म को लेकर ‘‘जनता कर्फ्यू’’ लगाने का आह्वान किया.  कालवी ने गुरुवार (18 जनवरी) यहां मीडिया से चर्चा करते हुए दावा किया, ‘‘इस फिल्म का विरोध अब केवल राजपूत समाज ही नहीं, बल्कि सभी समाजों के लोग कर रहे हैं. हम जनता से अनुरोध करते हैं कि फिल्म के रिलीज होने की तारीख 25 जनवरी को पूरे देश में सामाजिक जनता कर्फ्यू लगाया जाये.’’ मध्यप्रदेश सहित चार राज्यों की सरकारों ने अपने राज्यों में फिल्म के प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने की घोषणा की थी लेकिन उच्चतम न्यायालय ने इसे पूरे देश में रिलीज करने के आदेश दिये हैं. कालवी यहां राजपूत समाज के कार्यक्रम में शामिल होने आये थे.

करणी सेना ने सिनेमा हॉल पर हमला किया, पद्मावत फिल्म के पोस्टर फाड़े
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में ‘करणी सेना’ के कार्यकर्ताओं ने एक सिनेमा हॉल पर हमला किया और पद्मावत फिल्म के पोस्टर फाड़े. मुजफ्फरपुर के मिठनपुरा थाना अध्यक्ष विजय कुमार ने बताया कि करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने पद्मावत फिल्म के प्रदर्शन के विरोध में शहर में जुलुस निकाला और प्रदर्शन किया . उन्होंने बताया कि करणी सेना के कार्यकर्ता हाथों में तलवार लिए ज्योति सिनेमा हॉल पहुंचे और वहां तोड—फोड की. कुमार ने बताया कि उन्होंने ज्योति सिनेमा हॉल परिसर में लगाए गए ‘पद्मावत’ फिल्म के पोस्टर फाड़ दिए .

करणी सेना के कार्यकर्ताओ ने धमकी दी कि इस फिल्म को अगर प्रदर्शित किया गया तो वे उग्र आंदोलन करेंगे. आगामी 25 जनवरी को रिलीज होने वाली इस फिल्म के प्रदर्शन पर हरियाणा, गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश में लगी रोक पर उच्चतम न्यायालय ने रोक लगा दी है हालांकि बिहार सरकार ने इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक नहीं लगायी है पर प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले कहा था कि इस फिल्म के निर्माता और अन्य लोगों को फिल्म से जुड़ी शंकाएं दूर करने के बाद इसे रिलीज करना चाहिए.

Bureau Report

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