नईदिल्ली: वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए बजट पेश किए जाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशभर के प्रमुख अर्थशास्त्रियों और क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ आज नीति आयोग में बैठक करेंगे. बैठक में अन्य बातों के अलावा आर्थिक वृद्धि को गति देने तथा रोजगार सृजन के उपायों पर चर्चा होगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को बजट पेश करेंगे.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, नीति आयोग ने प्रधानमंत्री के साथ ‘आर्थिक नीति: आगे का रास्ता’ विषय पर चर्चा के लिए अर्थशास्त्रियों तथा क्षेत्र के विशेषज्ञों के समूह को आमंत्रित किया है. इस चर्चा में मुख्य रूप से छह विषय…वृहत आर्थिक संतुलन, कृषि तथा ग्रामीण विकास, शहरी विकास, बुनियादी ढांचा तथा संपर्क, रोजगार, विनिर्माण और निर्यात तथा स्वास्थ्य एवं शिक्षा…पर गौर किया जाएगा.
कई केंद्रीय मंत्री भी बैठक में होंगे शामिल
बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, पोत परिवहन एवं गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी, कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, योजना राज्यमंत्री इंद्रजीत सिंह के साथ नीति आयोग के उपाध्यक्ष, सदस्य तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी भाग लेंगे. इसके अलावा सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में भाग लेंगे. यह बैठक केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के राष्ट्रीय आय के बारे में ताजा अनुमान के बाद हो रही है. इसके अनुसार देश की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में चार साल के न्यूनतम स्तर पर 6.5 प्रतिशत रहेगी. मोदी की अगुवाई वाली सरकार में वृद्धि दर का यह आंकड़ा सबसे कम है. वित्त वर्ष 2016-17 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रहेगी जो इससे पूर्व वर्ष में 8 प्रतिशत थी. वित्त वर्ष 2014-15 में यह 7.5 प्रतिशत थी.
1 फरवरी को पेश होगा बजट
बता दें कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए बजट आगामी 1 फरवरी को पेश किया जाएगा. सरकार की तरफ से बीते गुरुवार को संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने इसकी घोषणा की. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि बजट सत्र दो भागों में बुलाया जाएगा. बजट सत्र का पहला चरण 29 जनवरी से 9 फरवरी तक चलेगा, जबकि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को बजट पेश करेंगे. बजट सत्र का दूसरा चरण 5 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा.
आपको बता दें कि अभी तक 28 फरवरी को बजट पेश किया जाता था एवं रेल बजट को अलग से पेश किया जाता था, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ने साल 2017 में इस चलन में बदलावा करते हुए इसकी तिथि बदलते हुए इसकी तारीख 1 फरवरी कर दी थी. इसके साथ ही सरकार ने एक बड़ा बदलाव करते हुए रेल बजट को मुख्य बजट में शामिल करने का फैसला किया था.
Bureau Report
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