मेरठ: शहर के नौचंदी थाने में कल मंगलवार को उस समय अजीब स्थिति पैदा हो गई जब, नगर निगम पार्षद अब्दुल गफ्फार एक गाय लेकर थाने पहुंचे और पुलिस को गाय सौंपते हुए कहा कि इस गाय को यहीं जमा कर लो, क्योंकि गाय पालने के जुर्म में हिंदू संगठन उन्हें मार सकते हैं. पुलिस ने पार्षद को खूब समझाया, गफ्फार गाय को जमा करने पर अड़े रहे. इस बारे में उन्होंने एक पत्र लिखकर जान को खतरा भी बताया है.
पत्र में लिखा दर्द
पार्षद ने थाने में दिए पत्र में कहा है कि उन्होंने अपने रिश्तेदार से एक बछिया ली थी, जिसे पाल-पोस कर बड़ा किया है. लेकिन उन्हें नहीं पता था कि एक मुस्लिम का गाय पालन कभी खतरनाक भी साबित हो सकता है. उन्होंने लिखा कि जिस तरह आए दिन हिंदू संगठनों और गोभक्तों द्वारा मुस्लिमों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं, उनसे उन्हें भी अपने जीवन का डर सताने लगा है. पत्र में उन्होंने लिखा कि उन्होंने अपने कई रिश्तेदारों से गाय ले जाने की गुहार लगाई, लेकिन सभी ने खतरे की बात कहते हुए गाय को ले जाने से इनकार कर दिया. उन्होंने लिखा कि उनकी गाय को थाने में जमा करके किसी हिंदू संगठन को सौंप दें, ताकि वह चैन से रह सकें.
पुलिस ने दिया आश्वासन
कल मंगलवार को पार्षद थाने में गाय लेकर पहुंच गए और वहीं गाय को बांध दिया. इस दौरान थानेदार से उनकी बहस भी हुई. मामला सुझता नहीं देख पुलिस ने गाय को एक स्थानीय युवक को सौंप दिया. अब्दुल नौचंदी थाना इलाके से वार्ड -73 से पार्षद हैं. पुलिस ने आश्वासन दिया कि उनकी सुरक्षा के हर संभव इंतजाम किए जाएंगे और शहर में इस तरह का कोई खतरा नहीं है.
राष्ट्रगान में बैठ रहे
अब्दुल गफ्फार वही पार्षद हैं जो नगर निगम की बैठक में राष्ट्रगान में खड़े नहीं होने के कारण चर्चा में आए थे. इस मुद्दे पर निगम ने अन्य पार्षदों ने खूब हंगामा भी किया था. बीजेपी पार्षदों ने गफ्फार पर राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाया था.
Bureau Report
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