नईदिल्ली: कई घरेलू और ग्लोबल कंपनियों को पीछे छोड़ देश की बड़ी एफएमसीजी कंपनियों में शामिल हुई पतंजलि अब ग्लोबल ब्रांड बनने की तैयारी में है. योग गुरू बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को एक बड़ा ऑफर मिला है. हालांकि, अभी यह ऑफर प्राथमिक चरण में है. लेकिन, ऑफर के बाद से ही पतंजलि को ग्लोबल ब्रांड के रूप में देखा जाने लगा है. दरअसल, फ्रांस के लग्जरी ग्रुप एलवीएमएच ने पतंजलि आयुर्वेद में हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा जताई है. एलवीएमएच की हिस्सेदारी वाला एल कैटर्टन प्राइवेट इक्विटी फंड अपने एशिया फंड में बची रकम के आधे यानी 50 करोड़ डॉलर से पतंजलि में हिस्सेदारी खरीदने को तैयार है.
पतंजलि में मॉडल मिला तो डील होगी
एलवीएमएच कंपनी के मुताबिक, पतंजलि के मॉडल में मल्टीनैशनल और फॉरन इन्वेस्टमेंट की गुंजाइश नहीं है. लेकिन, अगर वह कोई मॉडल ढूंढ पाएं तो कंपनी उनके साथ बिजनेस जरूर करेगी. एलवीएमएच के साथ पतंजलि अपने प्रॉडक्ट्स अमेरिका, जापान, चीन, दक्षिण कोरिया और यूरोप में बेच सकती है. एलवीएमएच के मुताबिक एल कैटर्टन की मदद से पतंजलि ग्लोबल कंपनी बन सकती है. हालांकि, फिलहाल कंपनी में स्टेक लेना शायद संभव ना हो, लेकिन पतंजलि को बड़ी फंडिंग की तलाश है.
हिस्सेदारी नहीं बेचेगी पतंजलि
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि वो कंपनी में हिस्सा नहीं बेचेंगे. लेकिन, पतंजलि 5000 करोड़ रुपए का कर्ज लेना चाहती है. बालकृष्ण ने कहा कि कंपनी को बैंकों से कम रेट पर कर्ज मिलने की उम्मीद है. बालकृष्ण के मुताबिक पतंजलि में हिस्सेदारी नहीं बेची जाएगी, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि वह एल कैटर्टन से बात करने को तैयार हैं.
‘अपनी शर्तों पर कर्ज के लिए तैयार’
पतंजलि के सीईओ बालकृष्ण ने कहा कि वह अपनी शर्तों पर आर्थिक मदद लेने को तैयार हैं, लेकिन इसके लिए वह इक्विटी या शेयर बेचकर पैसा नहीं लेंगे. साथ ही बालकृष्ण ने कहा कि जब देश तरक्की के लिए विदेशी तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है और ऐसे में अगर विदेशी पैसा आता है तो हम अपनी शर्तों पर उसे स्वीकार करने को तैयार हैं. उधर, फ्रेंच कंपनी के मुताबिक, पतंजलि की वैल्यू अभी 5 अरब डॉलर है. उसके मुताबिक, हम पतंजलि को भारत से बाहर ब्रांड बनाने में मदद करना चाहते हैं.
Bureau Report
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