52वीं पुण्यतिथि: सादगी और सच्चाई के प्रतिमूर्ति थे लाल बहादुर शास्त्री, जानें उनके 10 खास विचार

52वीं पुण्यतिथि: सादगी और सच्चाई के प्रतिमूर्ति थे लाल बहादुर शास्त्री, जानें उनके 10 खास विचारनईदिल्ली: भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की आज(11 जनवरी) 52वीं पुण्यतिथि है. उनकी पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने श्रद्धांजलि अर्पित की. उनका जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था. उनके ही कुशल नेतृत्व में भारत ने 1965 के युद्ध में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी. प्रसिद्ध नारा ‘जय जवान, जय किसान’ उन्होंने ही दिया था. भारत को आत्मनिर्भर बनाने में शास्त्री जी का बहुत बड़ा योगदान है. शास्त्री का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दो अक्टूबर, 1904 को शारदा प्रसाद और रामदुलारी देवी के घर हुआ था. उन्होंने 11 जनवरी, 1966 को उज़्बेकिस्तान के ताशकंद में अंतिम सांस ली थी. उसी दिन उन्होंने ताशकंद घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए थे. वह पहले व्यक्ति थे, जिन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से नवाजा गया था. आइए जानते हैं शास्त्री जी के उन विचार के बारे में जो विकास के पथ पर अग्रसर होते आधुनिक भारत की नींव हैं.
 
  • हम सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि समस्त विश्व के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्वास रखते हैं.
  • जो शासन करते हैं उन्हें देखना चाहिए कि लोग प्रशाशन पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं. अंततः जनता ही मुखिया होती है.
  • मेरी समझ से प्रशासन का मूल विचार यह है कि समाज को एकजुट रखा जाये ताकि वह विकास कर सके और अपने लक्ष्यों की तरफ बढ़ सके.
  • यदि कोई एक व्यक्ति को भी ऐसा रह गया जिसे किसी रूप में अछूत कहा जाए तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा.
  • हम सभी को अपने अपने क्षत्रों में उसी समर्पण, उसी उत्साह, और उसी संकल्प के साथ काम करना होगा जो रणभूमि में एक योद्धा को प्रेरित और उत्साहित करती है. और यह सिर्फ बोलना नहीं है, बल्कि वास्तविकता में कर के दिखाना है.
  • भ्रष्टाचार को पकड़ना बहुत कठिन काम है, लेकिन मैं पूरे जोर के साथ कहता हूँ कि यदि हम इस समस्या से गंभीरता और दृढ संकल्प के साथ नहीं निपटते तो हम अपने कर्तव्यों का निर्वाह करने में असफल होंगे.
  • देश के प्रति निष्ठा सभी निष्ठाओं से पहले आती है. और यह पूर्ण निष्ठा है क्योंकि इसमें कोई प्रतीक्षा नहीं कर सकता कि बदले में उसे क्या मिलता है.
  • आर्थिक मुद्दे हमारे लिए सबसे ज़रूरी हैं, और यह बेहद महत्त्वपूर्ण है कि हम अपने सबसे बड़े दुश्मन गरीबी और बेरोजगारी से लड़ें.
  • हमारी ताकत और मजबूती के लिए सबसे जरूरी काम है वो लोग में एकता स्‍थापित कना है.
  • लोगों को सच्‍चा लोकतंत्र और स्‍वराज कभी भी हिंसा और असत्‍य से प्राप्‍त नहीं हो सकता.
  • क़ानून का सम्‍मान किया जाना चाहिए ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरकरार रहे और, और भी मजबूत बने.
  • हम अपने देश के लिए आज़ादी चाहते हैं, पर दूसरों का शोषण कर के नहीं, ना ही दूसरे देशों को नीचा दिखा कर मैं अपने देश की आजादी ऐसे चाहता हूँ कि अन्य देश मेरे आजाद देश से कुछ सीख सकें , और मेरे देश के संसाधन मानवता के लाभ के लिए प्रयोग हो सकें.

Bureau Report

 

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