राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि ‘अनेक मुसलमानों ने बजरंग दल के लोगों की ही तरह गौरक्षा के लिए अपनी जानें कुर्बान की हैं’. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि गौरक्षा का मुद्दा धर्म से परे है. उन्होंने कहा कि गौरक्षकों को हिंसक घटनाओं के साथ जोड़ना ठीक नहीं है. भागवत ने इसके साथ ही कहा कि गौरक्षकों और गौपालकों को चिन्तित या विचलित होने की आवश्यकता नहीं है. चिंतित आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को होना चाहिए, गौरक्षकों को नहीं.उन्होंने साथ ही ऐलान किया कि गौरक्षा व गौसंवर्धन का वैध व पवित्र परोपकारी कार्य चलेगा और बढ़ेगा और यही इन परिस्थितियों का उत्तर भी होगा.
MP में अब गाय लावारिस छोड़ी तो खानी पड़ेगी जेल की हवा
मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार अब नर्मदा यात्रा और एकात्म यात्रा के बाद एक और ऐसा कदम आगे बढ़ाने जा रही है जो उसके हिन्दू एजेंडे को स्पष्ट करता है. एमपी की बीजेपी सरकार का अगला कदम गाय को लेकर है. शिवराज सरकार ऐसा कानून लाने की तैयारी कर रही है जिसमें गायों को आवारा छोड़ने वाले गोपालकों को सजा दी जा सके. कानून की भनक मिलते ही कांग्रेस ने सरकार को निशाने पर ले लिया है. इसे चुनावी आहट में भगवा रथ पर सवार बीजेपी का हिन्दू एजेंडा बताया जा रहा है.
गोमाता के मुद्दे पर संवेदनशीलता का दावा करने वाली शिवराज सरकार अब गोमाता को लेकर लापरवाही बरतने वाले गोपालकों को लेकर नाराज है. नाराजगी इसलिए कि गायों का दूध दुहने के बाद गोपालक उन्हें आवारा छोड़ देते हैं. जिस वजह से गोमाता सड़कों पर आ जाती हैं और सड़क हादसों की वजह बनती हैं. इसलिए अब सरकार एक कानून लाने की तैयारी कर रही है. इसके बाद गोपालकों को सजा हो सकती है. सूबे के विधि मंत्री रामपाल सिंह के मुताबिक इससे संबंधित ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद उसे विधानसभा में पेश किया जाएगा.
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