सूरत: गुजरात में शराबबंदी का कानून लंबे समय से लागू है, दावा किया जाता है कि प्रदेश में शराब की बोतल तो क्या एक बूंद मिलना भी नामुमकीन है. इसी बीच गुजरात को लेकर एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है जिसको पढ़ने के बाद हर कोई हैरान है. पिछले दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलाय के नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि प्रदेश की 19 फीसदी महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार है. इतना नहीं इन महिलाओं में से 67 फीसदी शराबी पति से प्रताड़ित हैं.
हर पांचवीं महिला का बुरा हाल
रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात में रहने वाली 72 फीसदी महिलाएं बिना कुछ बोले ही घरेलू हिंसा को सहती हैं. आसान भाषा में कहा जाए तो प्रदेश में रहने वाली हर पांचवीं महिला घरेलू हिंसा और शराबी पति से परेशान है, इसके बाद भी वह इसका विरोध नहीं करती है. राज्य के 26 जिलों में 30 जनवरी 2016 से 30 जून 2016 तक इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर साइसेंस ने लगभग 20, 524 घरों की 22,932 महिलाओं और 5574 पुरुषों से बातचीत की और फिर रिपोर्ट को तैयार किया गया है.
घर में डर का माहौल
रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि प्रदेश की 21 फीसदी महिलाएं पति के डर में जीवन जीने के लिए मजबूर हैं. रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश की 23.1 फीसदी महिलाएं पति की मानसिक, शारीरिक और सेक्सुअल प्रताड़ना झेलने के लिए मजबूर हैं. सबसे ज्यादा 20 फीसदी शारीरिक हिंसा और 4 फीसदी सेक्सुअली और 11.8 फीसदी मानसिक प्रताड़ना का शिकार होती हैं. सर्वे के दौरान लगभग 46 फीसदी महिलाओं ने इस बात को स्वीकार किया है कि उनके पति उन्हें प्रताड़ित करते हैं.
गुस्सा तो हमारा अधिकार है
सर्वे के दौरान गुजरात में रहने वाले 80 फीसदी पुरुषों का मानना है कि अगर वह पति-पत्नी के संबंध में हैं तो गुस्सा करना सिर्फ उनका अधिकार है. पुरुषों ने इस बात को स्वीकारा है कि रिश्ते में गुस्सा सहना सिर्फ पत्नी का काम है.
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