ऋषिकेश/आशीषडोभाल: यूं तो पूरे देश में ‘भाई बंदी’ के नाम पर कोई भी काम हो वह भी आसान हो जाता है. ऐसा माना जाता है कि अगर सामने वाले के सामने जाति, धर्म और भाई बंदी का वास्ता दिया जाए तो बड़े से बड़े काम चुटकियों में हो जाते हैं. पुलिस विभाग भी इन बातों से अछूता नहीं है. अक्सर देखने में आया है कि छोटे-मोटे नियम टूटने पर पुलिस लोगों को आसानी से छोड़ देती है. लेकिन, इसके उलट उत्तराखंड पुलिस के जॉलीग्रांट चौकी इंचार्ज मंजुल रावत ने सभी पुलिसकर्मियों और सरकारी कर्मचारियों के लिए एक मिसाल कायम की है.
फर्ज और ड्यूटी पुलिस की शपथ का पहला अध्याय होता है और इसका पालन करना हर पुलिसवाले का कर्तव्य होता है. यह बात जॉली ग्रांट में तैनात मंजुल रावत ने साबित कर दी. जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को मंजुल के छोटे भाई मृणाल रावत जॉली ग्रांट चौकी आ रहे थे. यहां आपको बता दें कि मंजुल के भाई मृणाल भी उत्तराखण्ड पुलिस में कार्यरत हैं. जिस वक्त मृणाल आ रहे थे उस वक्त मंजुल रावत गाड़ियों की चेकिंग कर रहे थे.
गाड़ियों की चेकिंग में व्यस्त चौकी इंचार्ज मंजुल रावत ने देखा कि उनकी खुद का भाई भी बिना हेलमेट के बाइक चला रहा था. इस पर चौकी इंचार्ज मंजुल रावत ने अपने छोटे भाई का चालान काट दिया. अपने छोटे भाई का चालान काट कर मंजुल रावत ने कानून के प्रति एक स्पष्ट संदेश दिया है कि कानून सबके लिए एक समान है चाहे वह भाई हो या आपका पुलिस सहकर्मी. मंजुल रावत ने संदेश दिया है कि कानून का उल्लंघन करने वाले को माफ नहीं किया जाएगा.
Leave a Reply