नईदिल्ली: टीम इंडिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच 10 फरवरी को जब चौथा मुकाबला खेला जाएगा तो ये किसी महा मुकाबले से कम नहीं होगा. इस एक मैच का परिणाम पूरी सीरीज का भाग्य तय कर सकता है. अगर टीम इंडिया ने यहां ये मैच जीत लिया तो वह भारतीय क्रिकेट इतिहास में पहली टीम बन जाएगी, जो अफ्रीका में द्विपक्षीय सीरीज अपने नाम करेगी. इसके साथ ही सीरीज के बाकी मैच औपचारिकता बनकर रह जाएंगे.
दक्षिण अफ्रीका को इस सीरीज में अपना सम्मान बचाए रखना है तो उसे किसी भी कीमत पर इस मैच को जीतना होगा. उसकी सारी उम्मीद तीन मैचों के बाद लौटे एबी डिविलियर्स पर टिकी होंगी. उंगली में चोट के कारण वह तीन वनडे मैचों से बाहर थे. अफ्रीका का कोई भी बल्लेबाज अब तक भारतीय गेंदबाजी के सामने टिक नहीं सके हैं. ऐसे में ये मुकाबला काफी रोमांचक होने की संभावना है.
आइए जानते हैं मैच के जबर्दस्त होने के कारण…
1. सीरीज का निर्णायक मैच : 6 मैचों की सीरीज का ये निर्णायक मैच है. इसे जीतते ही टीम इंडिया सीरीज अपने नाम कर लेगी. अफ्रीका में द्विपक्षीय सीरीज में इससे पहले भारतीय टीम कभी दो से अधिक वनडे नहीं जीत पाई है. मेहमान टीम ने 1992-90 में सात मैचों की सीरीज 2-5 से गंवाई थी, जबकि 2010-11 में भारत 2-1 की बढ़त बनाने के बाद पांच मैचों की सीरीज 2-3 से हार गई थी. इस बार उसके पास सीरीज पर कब्जा करने का सुनहरा मौका है.
2. डिविलियर्स की वापसी और वांडरर्स पर उनकी तूफानी पारी : डिविलियर्स के लौटने से अफ्रीकी टीम ने राहत की सांस ली है. निश्चित रूप से उनके आने से टीम की लचर बल्लेबाजी मजबूत होगी. डिविलियर्स का रिकॉर्ड देखें तो उन्हें ये मैदान खूब भाता है. इसी मैदान पर डिविलियर्स ने वनडे में सबसे तेज शतक लगाने का रिकॉर्ड बनाया था. 2015 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए मैच में डिविलियर्स ने 31 गेंदों में शतक जड़ा था. डिविलियर्स ने 59 गेंदों में 149 रन बनाए थे, जिसमें 16 छक्के और 9 चौके शामिल थे. उस समय अफ्रीका ने 50 ओवर में 2 विकेट पर 439 रनों स्कोर बनाया था.
3. वांडरर्स पर टीम इंडिया का वनडे में बुरा रिकॉर्ड वांडरर्स के मैदान पर टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया का रिकॉर्ड जितना शानदार है, वनडे में उसका रिकॉर्ड उतना ही बुरा है. यहां अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया ने 5 मैच खेले हैं. इसमें उसे सिर्फ एक बार जीत मिली है. वह भी रोमांचक मुकाबले में 1 रन से. तीन मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा है और एक मैच रद्द हो गया था. टेस्ट मैच की बात करें तो यहां पर टीम इंडिया ने अब तक कोई भी टेस्ट मैच गंवाया नहीं है.
4. चहल और कुलदीप यादव की फिरकी : टीम इंडिया के स्पिनर युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव अफ्रीका के लिए एक पहेली बनकर उभरे हैं. तीन मैचों में गिरे 26 में से 21 विकेट इन दोनों ने ही आपस में बांट लिए हैं. अफ्रीका को तेज पिचों के लिए जाना जाता है, लेकिन पहली बार यहां का दौरा कर रहे इन नए नवेले गेंदबाजों ने अफ्रीका के छक्के छुड़ा दिए हैं. कोई भी बल्लेबाज उनके सामने अपने कदम भी नहीं खोल पाया है. चहल तो दूसरे मैच में 5 विकेट लेने का कारनामा भी कर चुके हैं.
5. टीम इंडिया का आत्मविश्वास : दो टेस्ट लगातार हारने के बाद टीम इंडिया जोहानिसबर्ग में ही तीसरे टेस्ट में लय में लौटी थी. यहां खतरनाक पिच पर टीम इंडिया ने तीसरा मुकाबला जीता था. उसके बाद टीम इंडिया को जीत का ऐसा स्वाद मिला कि उसने लगातार तीन वनडे मैचों में अफ्रीका को मात दे दी. टीम ने न सिर्फ बल्लेबाजी शानदार की, बल्कि अपनी गेंदबाजी से अफ्रीका को नाकों चने चबवा दिए. अफ्रीकी बल्लेबाजी इंडिया के सामने बुरी तरह विफल रही.
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