अमेठी: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने कर्नाटक का रुख कर लिया है. मौजूदा वक्त में कांग्रेस के सामने अपने सबसे बड़ा किला कर्नाटक को बचाने की चुनौती है तो बीजेपी के सामने दक्षिण भारत में 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अपनी धमक कायम करने का सुनहरा मौका है. इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम में एक बात गौर करने वाली यह है कि एक तरफ जहां बीजेपी और कांग्रेस के सारे बड़े नेता कर्नाटक की ओर रुख कर रहे हैं, वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी उत्तर प्रदेश के अमेठी जाने वाली हैं.
यह पहला मौका नहीं है जब किसी दूसरे राज्य के विधानसभा चुनाव के दौरान स्मृति ईरानी अमेठी जा रही हैं. गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान भी जब बीजेपी के सारे बड़े नेता और मोदी सरकार के मंत्री गुजरात में थे तो स्मृति ईरानी अमेठी में डेरा डाले हुई थीं. दरअसल, अमेठी राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र है और 2014 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी यहीं से अपना पहला चुनाव लड़ी थीं. स्मृति भले ही राहुल गांधी के सामने चुनाव हार गई थीं, लेकिन केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया.
स्मृति के अमेठी जाने के ये हैं मायने
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) हर चुनाव को पूरी शिद्दत से लड़ती है. चुनाव में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन के लिए अमित शाह सारी ताकत झोंक देते हैं. साथ ही हाल के कुछ वर्षों में बीजेपी की स्ट्रेटजी रही है कि वह खुद का महिमामंडन करने के बजाय विरोधी खेमे के बड़े चेहरे को धुमिल करने की कोशिश करती है. इसी कड़ी में बीजेपी लगातार राहुल गांधी पर व्यक्तिगत हमले जारी रखती है. जिस भी चुनाव प्रचार में राहुल गांधी सक्रिय दिखते हैं तो बीजेपी के नेता मुद्दों के बजाय राहुल गांधी के बयानों को आधार बनाकर उन्हें राजनीति में अनमैच्योर दिखाने की कोशिश करते हैं.
जब राहुल गांधी गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान वहां की कमियां गिना रहे थे तो स्मृति ईरानी अमेठी के पिछड़ेपन की ओर मीडिया का ध्यान खींच रही थीं. स्मृति ये बताने की कोशिश कर रही थीं राहुल गांधी इतने साल में अपने संसदीय क्षेत्र में विकास नहीं कर पाए तो भला देश के अन्य हिस्सों में कैसे काम करा पाएंगे.
अब कर्नाटक विधानसभा चुनाव के प्रचार में राहुल गांधी जनसभाओं में वहां की सरकार की खूबियां गिना रहे हैं तो स्मृति ईरानी एक बार फिर से मीडिया के जरिए अमेठी के पिछड़ेपन की ओर लोगों का ध्यान खींचने की कोशिश करेंगी. अब तक प्रचार के तौर-तरीकों पर गौर करें तो कर्नाटक में बीजेपी लगातार सिद्धारमैया सरकार को भ्रष्टाचारी सरकार साबित करने में जुटी है. ऐसे में कहा जा सकता है कि बीजेपी की मंशा हो सकती है कि अमेठी के पिछड़ेपन और कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप की खबरें मीडिया में एक साथ आने पर शायद एंटी कांग्रेस माहौल बन सके.
क्षेत्र विशेष को मॉडल के रूप में पेश करती है बीजेपी
2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने गुजरात के विकास मॉडल को प्रचारित किया था. चुनावी रैलियों में बीजेपी की ओर से कहा गया था नरेंद्र मोदी की अगुवाई में गुजरात में जिस तरह का विकास हुआ है वैसा ही वे केंद्र में आने के बाद देश में करके दिखाएंगे. साथ ही खुद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूपी की कई रैलियों में अमेठी और रायबरेली के पिछड़ेपन की बात जोरशोर से उठाते रहे, जिसका बीजेपी को काफी हद तक फायदा भी हुआ.
मालूम हो कि स्मृति ईरारी दो दिवसीय दौरे पर अमेठी जा रही हैं. स्मृति ईरानी अमेठी लोकसभा के 10 हजार परिवारों को कावेरियन गायों की भी सौगात देगी. रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की दो दिवसीय अमेठी दौरे की शुरुआत गाय वितरण कार्यक्रम से होगी, जो किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ बीजेपी को अमेठी के 10 हजार परिवारों से जोड़ने का माध्यम बनेंगी. किसानों को अच्छी नस्ल की गायें देने के लिए दूसरे प्रदेशों से मंगवाई गई हैं. इसकी शुरुआत अमेठी लोकसभा के सलोन विधानसभा से होगी.
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