मुंबई: पूर्व केंद्रीय गृह सचिव जी के पिल्लै ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय के कुछ अधीनस्थ कर्मी कार्यालय में अश्लील सामग्री देखते थे और इन्हें डाउनलोड करते थे. इसके कारण कम्प्यूटर नेटवर्क में गड़बड़ हो जाती थी. नैसकॉम द्वारा प्रमोटिड गैरलाभ संगठन ‘डेटा सिक्योरिटी काउंसिल आफ इंडिया’ (डीएससीआई) के अध्यक्ष पिल्लै ने कहा, ‘जब मैं करीब आठ नौ साल पहले केन्द्रीय गृह सचिव था तो हर 60 दिन में हमें पूरा कम्प्यूटर गड़बड़ मिलता था.’
उन्होंने कहा कि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी देर शाम तक बैठकों में व्यस्त होते थे, जिसके कारण अधीनस्थ कर्मियों को बैठक के बाद के काम के लिए कार्यालयों में रूकना पड़ता था.
उन्होंने यहां पहले ‘फिनसेक कनक्लेव’ में कहा कि इसलिए वे (अधीनस्थ कर्मी) क्या करेंगे? वे जाते हैं और इंटरनेट खोलते हैं और वे अश्लील वेबसाइटों पर चले जाते हैं और वे सभी तरह की चीजों को डाउनलोड करते हैं, जिनके साथ ‘मालवेयर’ (एक तरह का वायरस) भी डाउनलोड हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने भी निर्देश जारी किये और विस्तृत समीक्षा में यह बात सामने आई.
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में सामने आयी है जब कुछ ही दिन पहले कुछ सरकारी वेबसाइटों में संदिग्ध रूप से गड़बड़ी सामने आयी थी. हालांकि सरकार ने बाद में स्पष्ट किया था कि ये वेबसाइटें हैक नहीं हुई थी, बल्कि इसका कारण हार्डवेयर की कोई तकनीकी खामी था.
साइबर सिक्योरिटी चीफ ने भी झुठलाई थी हैकिंग की बात
रक्षा और गृह मंत्रालय समेत कई सरकारी विभागों की दर्जन भर से अधिक वेबसाइटें शुक्रवार को गड़बड़ियों के चलते प्रभावित हुईं जिसके लिए हैकिंग को जिम्मेदार ठहराया गया लेकिन राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा प्रमुख ने कहा कि ऐसा तकनीकी गड़बड़ी की वजह से हुआ. अधिकारियों ने शुक्रवार रात को बताया कि प्रभावित वेबसाइटों की गड़बड़ियां दूर करने के प्रयास चल रहे हैं.
‘कुछ हार्डवेयर का विफलता पता चला है’
मालूम हो कि 6 अप्रैल को सरकारी वेबसाइटों में लोगों को त्रुटि संबंधी संदेश नजर आने के बाद साइबर सुरक्षा के राष्ट्रीय समन्वयक गुलशन राय ने कहा था कि उनमें कुछ हार्डवेयर विफलता का पता चला है. राष्ट्रीय सूचना केंद्र इन वेबसाइटों के सर्वरों का कामकाज संभालता है. राय का बयान रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के ट्वीट से अलग है.
सीतारमण ने पहले ट्वीट कर कहा था कि यह हैकिंग है. उन्होंने ट्वीट किया था, ‘रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट http://mod.nic.in के हैक होने के बाद कार्रवाई की जा रही है. वेबसाइट को जल्द बहाल किया जाएगा. यह कहने की जरूरत नहीं है कि भविष्य में इस तरह की घटना को रोकने के सभी संभावित उपाय किए जाएंगे.’
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था, ‘‘मामले पर हमारी पैनी नजर है. राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) उसे बहाल करने का प्रयास कर रहा है.’’ प्रवक्ता ने दावा किया था कि वेबसाइट पर कुछ चीनी शब्द नजर आए जो चीनी हैकरों की संभावित संलिप्तता का संकेत करते हैं.
एनआईसी ने ट्वीट कर कहा कि वेबसाइट हैक नहीं हुई
वैसे सीतारमण के ट्वीट के कुछ ही घंटे बाद एनआईसी ने ट्वीट कर कहा कि वेबसाइट हैक नहीं हुई. आज करीब ढाई बजे से कुछ तकनीकी समस्या आ रही है. एनआईसी ने भी ट्वीट कर यह सफाई भी दी कि रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर जो चीनी शब्द नजर आ रहे थे वह इस्तेमाल में लाये जा रहे प्रबंधन सॉफ्टवेयर द्रुपल का ‘डिफॉल्ट लोगो’ था.
‘न हैकिंग हुई है न यह साइबर सुरक्षा का खतरा है’
वेबसाइटों में आ रही परेशानी पर स्थिति साफ करते हुए राय ने कहा कि ये दोपहर से बंद है. स्टोरेज एरिया नेटवर्किंग सिस्टम की विफलता की वजह से इन वेबसाइटों में समस्या आ रही है. साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में 1998 से काम कर रहे राय ने कहा कि इस समस्या को दूर किया जा रहा है. यह सिर्फ हार्डवेयर के फेल होने का मामला है. साइबर सुरक्षा इकाई के प्रमुख ने कहा, ‘‘न तो हैकिंग हुई है न ही यह साइबर हमला है.’’
राय ने बताया कि राष्ट्रीय सूचना केंद्र द्वारा स्थापित करीब दर्जन भर सरकारी वेबसाइटें इस गड़बड़ी से प्रभावित हुई हैं. इनमें रक्षा, गृह, विधि एवं श्रम विभाग की वेबसाइटें शामिल हैं. उन्होंने बताया कि हार्डवेयर को बदला जा रहा है. जल्द ही ये वेबसाइटें शुरू हो जाएंगी.
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