किसान आंदोलन को सीएम खट्टर ने बताया खांमखां की बात, कहा- नुकसान इन्हीं का होगा.

किसान आंदोलन को सीएम खट्टर ने बताया खांमखां की बात, कहा- नुकसान इन्हीं का होगा.नईदिल्ली: किसान आंदोलन को लेकर जहां राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी के जरिए एक-दूसरे को घेरने की कोशिशें चल रही हैं, वहीं दूसरी ओर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर आंदोलन को लेकर दिए गए अपने बयान के कारण सुर्खियों में हैं. देशभर में चल रहे किसान आंदोलन पर जब उनसे मीडिया ने प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उस पर सीएम ने इसे ‘बिना विषय का आंदोलन’ बताया जो ‘खांमखां की बातों’ को लेकर आगे बढ़ाया जा रहा है.

सीएम खट्टर ने कहा, ‘किसानों की हड़तालों का कोई विषय नहीं है. उनका किसी भी प्रकार का कोई मुद्दा नहीं है. ये खांमखां की बात को लेकर आगे चल रहे हैं. वैसे भी ये जो हड़ताल है उसमें ये कहना कि दूध नहीं बेचेंगे और सब्जी नहीं बेचेंगे तो इसमें किसानों का ही नुकसान है’.

बता दें कि मध्यप्रदेश समेत देश के कई राज्यों में एक जून से 10 जून तक किसानों के गांव बंद को लेकर सरगर्मियां तेज हैं. एक तरफ जहां देश के किसान संगठन इन 10 दिनों में गांवों से खाने-पीने की चीजों की आपूर्ति न करने पर अड़े हैं, वहीं सरकार किसानों को मनाने में जुटी हुई है. किसान आंदोलन के चलते सब्जियों और फलों के दाम दोगुने हो गए हैं.

क्या है किसानों की मांग
– देश के किसानों का सारा ऋण एक साथ माफ किया जाए.

– सभी फसलों पर लागत के आधार पर डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य को बढ़ाया जाए.

– छोटे किसान या फिर किसी अन्य की भूमि पर खेती करने वाले किसानों की आय मासिक तौर पर निर्धारित होनी चाहिए.

बाजार में बढ़ें सब्जियों के दाम
किसानों के प्रदर्शन के पहले दिन ही देश के तमाम खुदरा बाजारों में फल और सब्जियों की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला है. दिल्ली की गाजीपुर और ओखला मंडी के आढ़तियों का कहना है कि सब्जियों की सप्लाई कम होने के कारण खुदरा बाजारों में भी इसकी कीमतों में इजाफा हुआ है. वहीं, मुंबई में टमाटर की कीमतें एक दिन में आसामान छूने लगी हैं. मुंबई के खुदरा बाजारों में टमाटक की कीमत 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है.

Bureau Report

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