अमेरिका से निकाले जाएंगे भारतीय! ट्रंप के इस आदेश के बाद बढ़ा ‘खतरा’

अमेरिका से निकाले जाएंगे भारतीय! ट्रंप के इस आदेश के बाद बढ़ा 'खतरा'नईदिल्ली: डोनाल्ड ट्रंप का नया आदेश अमेरिका में रह रहे भारतीयों के लिए नया ‘खतरा’ बन गया है. अब भारतीयों को कभी भी अमेरिका छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है. सीधे शब्दों में कहें तो नए आदेश के बाद उन्हें अमेरिका से निकाला जा सकता है. दरअसल, ट्रंप प्रशासन ने अपने अधिकारियों को यह अधिकार दे दिया है कि वे कुछ परिस्थितियों में वीजा आवेदनों को सीधे खारिज कर सकें. अब अमेरिका के इमिग्रेशन ऑफिसर उन वीजा आवेदनों को सीधे खारिज कर सकते हैं, जिसके लिए जरूरी ‘प्रारंभिक साक्ष्य’ जमा नहीं किए गए है. वहीं, वीजा प्राप्त करने की योग्यता साबित नहीं करने की स्थिति में भी वीजा आवेदन खारिज हो जाएगा. अमेरिकी सरकार की यह नई नीति 11 सितंबर से प्राप्त सारे आवेदनों पर लागू होगी.

योग्यता साबित करने का दोबारा मौका नहीं
H-1B समेत तमाम वीजा आवेदकों को अब दस्तावेज जमा करने या अपनी योग्यता साबित करने का दूसरा मौका नहीं मिलेगा. कुछ मामलों में आवेदन को सीधा खारिज कर दिया जाएगा. ऐसे में लोगों को अमेरिका से निकाला भी जा सकता है. आदेश के मुताबिक, H-1B पर अमेरिका में नौकरी कर रहे लोगों के आवेदन खारिज हो गए तो उन्हें वहां से डिपोर्ट भी होना पड़ सकता है. 

पॉलिसी में किया गया बदलाव
यूनाइटेड स्टेट्स सिटिजनशिप ऐंड इमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) ने अपनी पॉलिसी में 13 जुलाई को बदलाव किया. आपको बता दें, ‘पहले अधिकारियों को सीधे आवेदन खारिज करने के अधिकार नहीं था. आवेदक को अपना पक्ष रखने और अधिक साक्ष्य जमा कराने का मौका मिलता था, जिसे अब रद्द कर दिया गया है.

क्या मिला नया आदेश
संशोधित नीति में इमिग्रेशन ऑफिसर्स के पास अब यह अधिकार होगा कि वह प्राथमिक साक्ष्य में अभाव मिलने पर ही वीजा आवेदन खारिज कर सकते हैं. आवेदक को दोबारा साक्ष्य देने का आग्रह (आरएफई) किए बिना ही आवेदन खारिज कर दिया जाएगा. हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि इस टर्म की व्याख्या कैसे की जाएगी.

पहले REFs जारी करते थे अधिकारी
पुरानी नीतियों के मुताबिक, वीजा आवेदन की छंटनी करने वाले अमेरिकी अधिकारी रिक्वेस्ट फॉर एविडेंसेज (REFs) जारी करना होता था. इसके तहत उन्हें तब तक आवेदन खारिज करने का अधिकार नहीं था, जब तक कि यह संभावना खत्म न हो कि अतिरिक्त दस्तावेज से भी योग्यता साबित नहीं होती. USCIC ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि पॉलिसी बदलने से फर्जी आवदेनों पर रोक लगेगी.

Bureau Report

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