खुशखबरी: IRCTC की किचन से चूहों और कॉकरोच की किचकिच होगी खत्‍म, रेलवे ने किए पुख्‍ता इंतजाम

खुशखबरी: IRCTC की किचन से चूहों और कॉकरोच की किचकिच होगी खत्‍म, रेलवे ने किए पुख्‍ता इंतजामनईदिल्‍ली: ट्रेनों में मिलने वाले खाने की हाईजीन को लेकर मुसाफिरों के दिल में हमेशा आशंका बनी रहती है. वहीं, IRCTC की किचन में घूमते चूहे, छिपकली, कॉकरोच सहित दूसरे जीव रेलवे के खाने की गुणवत्‍ता को प्रभावित करते आए हैं. अब इन जीवों से निजात पाने के लिए रेलवे ने एक खास सॉफ्टवेयर खोज निकाला है. इस सॉफ्टवेयर की मदद से रेलवे न केवल इन जीवों को खोज सकेगा, बल्कि किचन में मौजूद इन जीवों के बिनों को भी खोज निकालेगा. जी हां, रेलवे ने आईआरसीटीसी के अंतर्गत आने वाले सभी किचन में इस खास सॉफ्टवेयर को इंस्‍टाल करना शुरू दिया है. इस सॉफ्टवेयर को एनॉलिटिकल कैमरों से जोड़ा गया है. जिससे जैसे ही किचन में कॉकरोच, चूहे, बिल्‍ली, छिपकली जैसे दूसरे जीव दाखिल हो, वैसे ही इसकी जानकारी किचन की देखभाल कर रहे रेलवे के अधिकारियों को मिल जाए.

कैसे करेगा यह सॉफ्टवेयर काम
रेलवे के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, किचन में मौजूद जीवों का पता लगाने के लिए खास तरह का आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस इजाद किया गया है. आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस वाले इस खास सॉफ्टवेयर में 16 फिल्‍टर्स लगाए गए हैं. इन 16 फिल्‍टर्स के साथ सॉफ्टवेयर को एनॉलिटिकल कैमरों से जोड़ा गया है. यह सॉफ्टवेयर, एनॉलिटिकल कैमरों को उन जीवों को पहचानने में मदद करेगा, जिनका प्रवेश पूरी तरह से किचन में वर्जित है. जैसे ही कोई जीव किचन के अंदर दाखिल होगा, वैसे ही यह कैमरा उनकी पहचान करेगा और इसके इलेक्‍ट्रानिक संकेत सॉफ्टवेयर को भेज देगा. संकेत मिलते ही सॉफ्टवेयर किचन की देखरेख करने वाले रेलवे कर्मचारी के मोबाइल पर मैसेज भेज देगा कि किचन में कौन सा जीव दाखिल हुआ है. इतना ही नहीं, यह सॉफ्टवेयर रेलवे के कर्मचारी को यह भी बताएगा कि उक्‍त जीव किस रास्‍ते से किचन में दाखिल हुआ है या किचन में कहां पर इन जीवों के छिपने के लिए बिल मौजूद है. सॉफ्टवेयर से जानकारी मिलते ही सभी बिलों और रास्‍तों को बंद किया जा सकेगा, जिससे भविष्‍य में ये जीव किचन में दाखिल न हो सकें.

इन चीजों के लिए इस्‍तेमाल होता था मौजूदा सॉफ्टवेयर
ऐसा नहीं है कि रेलवे के किचन अभी तक पूरी तरह से असुरक्षित थे. इस सॉफ्टवेयर के आने से पहले एक दूसरा सॉफ्टवेयर आईआरसीटीसी के किचन में इंस्‍टाल था. पुराने सॉफ्टवेयर में चार फिल्‍टर थे, जिनकी मदद से हेडगियर, यूनिफार्म, एनीमल और मोपिंग का पता लगाया जाता था. पुराने कैमरे बिल्‍ली और चूहे जैसे जीव को पहचानने में सक्षम थे. इसके अलावा, यदि किचन में काम करने वाला कोई रसोइया अपनी ड्रेस या हेडगियर पहनकर नहीं आता था तो सॉफ्टवेयर इसकी जानकारी कांट्रैक्‍टर को मैसेज के जरिए देता था. पुराना सॉफ्टवेयर कॉकरोच, छिपकली और छोटे कीड़ों को पकड़ने में सक्षम नहीं था.

रेलवे के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, बीते समय में कई बार हमारे स्‍टाफ को यह पता लगाना मुश्किल होता था कि चूहा किस रास्‍ते से किचन में दाखिल हुआ है. नए सॉफ्टवेयर आने के बाद ऐसा नहीं होगा. अब जैसे ही चूहा या दूसरा जीव किचन में दाखिल होगा, यह सॉफ्टवेयर बताएगा कि कौन सा जीव किचन में किस रास्‍ते से दाखिल हुआ है. इस सॉफ्टवेयर के जरिए यहां तक की सफलता हासिल करने के बाद, हमने एक कदम और आगे बढ़ाया है. जिसके तहत अब चूहे और बिल्‍ली की तरह में बेहद छोटे आकार वाले जीवों की पहचान में इस सॉफ्टवेयर के जरिए कर सकेंगे. इतना ही नहीं, हमने खाने की क्‍वालिटी और हाइजीन को बेहतर बनाने के लिए एक इंस्‍टीट्यूशनलाइज्‍ड मैकेनिज्‍म तैयार किया है. जिसके तहत केटरिंग सर्विस के किचन से लेकर ट्रेन में खाना परोसने तक के पूरे प्रॉसेस पर नजर रखी जाएगी. इस मैकेनिज्‍म से जुड़े अधिकारी लगातार इंस्‍पेक्‍टशन कर गुणवत्‍ता में समझौते की आशंका को शून्‍य करेंगे.

IRCTC 16 किचन में लग चुके हैं कैमरे युक्‍त सॉफ्टवेयर
आईआरसीटीसी के वरिष्‍ठ अधिकारीक के अनुसार, किचन की गुणवत्‍ता को मानकों के अनुरूप बनाने के लिए IRCTC की 16 किचन में सॉफ्टवेयर इंस्‍टाल करने के साथ कैमरों को लगाने का काम पूरा कर लिया गया है. अगले चरण में देश में मौजूद सभी IRCTC की किचन को इस सॉफ्टवेयर और कैमरों की जद में ले आया जाएगा. उल्‍लेखनीय है कि रेलवे की देश में करीब 200 किचन हैं. जिसमें ज्‍यादातर किचन थर्ड पार्टी कांट्रैक्‍टर्स द्वारा चलाए जाते हैं. इस सॉफ्टवेयर के जरिए, उन कांट्रैक्‍टर्स की पहचान भी की जा सकेगी, जो रेलवे के नियमों व मानकों का उल्‍लंघन कर खाने की गुणवत्‍ता के साथ समझौता कर रहे हैं.

Bureau Report

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