लंदन: वैज्ञानिकों ने ‘मेघालयी युग’ के नाम से एक नए भूवैज्ञानिक काल को परिभाषित कियाहै जो आज से 4,200 साल पहले शुरू हुई और इस दौरान विश्वभर में अचानक भयंकर सूखा पड़ा था और तापमान में गिरावट दर्ज हुई थी. शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने मेघालय की एक गुफा की छत से टपक से फर्श पर जमा हुए चूने के ढेर या स्टैलैगमाइट को जमा किया. इसने धरती के इतिहास में घटी सबसे छोटी जलवायु घटना को परिभाषित करने में मदद की.
अंतिम हिम युग की समाप्ति के बाद कई क्षेत्रों में विकसित हुए कृषि आधारित समाज पर इस 200 साल की मौसमी घटना ने गंभीर प्रभाव डाला था. इसके परिणामस्वरूप सभ्यताएं गिर गईं और मिस्र, यूनान, सीरिया, फलस्तीन, मेसोपोटामिया, सिंघु घाटी और यांग्त्से नदी घाटी में मनुष्यों का प्रवासन हुआ. तकरीबन 4,200 साल पहले की इस घटना के सुराग सभी सातों महाद्वीपों पर मिले हैं.
कई साल के शोध के बाद मेघालयी युग के तीन चरणों – लेट होलोसीन मेघालयन एज, मिडल होलोसीन नॉर्थग्रिपियन एज और अर्ली होलोसीन ग्रीनलैंडियन एज को भूवैज्ञानिक समय – मान की सबसे हालिया इकाई के तौर पर प्रमाणित किया गया है.
Bureau Report
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