कासगंज: कासगंज जनपद के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के निजामपुर गांव में पहली बार किसी दलित की बारात निकली, जिसमें दूल्हा घोड़ी चढ़ कर पहुंचा हो. दलित दूल्हा संजय जाटव की बारात धूमधाम से बैंड बाजे के साथ पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दुल्हन के घर पहुंची. दुल्हन की ख्वाहिश थी कि उसका दूल्हा घोड़ी चढ़कर उसके घर आए. लेकिन, अभी तक निजामपुर गांव में दलितों को घोड़ी चढ़ने की इजाजत नहीं थी. दूल्हे ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई, जिसके बाद जिला प्रशासन ने सुरक्षा देने का भरोसा दिया. रविवार को जब बारात पहुंचने वाली थी उस दौरान गांव में भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था.
कासगंज के एडिशनल एसपी पवित्र मोहन त्रिपाठी ने कहा कि शादी की रस्में पूरी होने तक पुलिस मौजूद रही. पुलिसकर्मियों की नजर गांव में हो रही हर गतिविधियों पर है. दुल्हन की विदाई होने तक निजामपुर गांव में पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद रहेंगे. संजय जाटव और शीतल की शादी का मामला पिछले कई महीनों से सुर्खियों में है. इसके लिए संजय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट तक का दरवाजा भी खटखटाया था.
दोनों जाति के लोगों के लिए यह अहम का विषय बन चुका है. इसलिए, दुल्हन की विदाई के बाद भी प्रशासन को राहत की सांस नहीं मिली है.
जानकारी के मुताबिक, शादी के दौरान गांव में 150 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. सुरक्षा के मद्देनजर गांव में पुलिस के अलावा PAC कांस्टेबलों को भी तैनात किया गया था. जिस रास्ते से बारात गुजरी उस रास्ते में छतों पर भी पुलिसकर्मी तैनात थे. पुलिस-प्रशासन के लिए यह कितना चुनौतीपूर्ण था कि शांतिपूर्वक बारात निकालने के लिए एक प्लाटून पीएसी के अलावा दो इंस्पेक्टर, 12 एसओ, 12 उपनिरीक्षक, 70 कांस्टेबल और 10 महिला कांस्टेबल के अलावा होमगार्ड जवानों को तैनात किया गया था. दुल्हन की बिदाई के बाद भी कई दिनों तक शांति व्यवस्था को लेकर भारी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद रहेंगे.
Bureau Report
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