पटना: विपक्षी पार्टी राजद ने दावा किया कि बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए में भगदड़ जैसी स्थिति है और सत्तारूढ़ गठबंधन के कई विधायक पाला बदलना चाहते हैं. राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने यह दावा उन खबरों को खारिज करते हुए किया जिसमें कहा गया है कि अमित शाह के हाल के राज्य दौरे के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू और भाजपा के बीच सीटों का सौहार्दपूर्ण बंटवारा होना तय हो गया है.
उन्होंने कहा, ”एनडीए में न केवल टूट होने वाली है. यह एक भगदड़ होगी. जल्द ही राजग (एनडीए) में केवल भाजपा ही बचेगी.” उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा है कि किस तरह से उसकी सबसे पुरानी सहयोगी शिवसेना नाराज है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू गठबंधन से अलग हो गए. इसी तरह की चीजें बिहार में हो सकती हैं.”
अमित शाह और नीतीश कुमार की मुलाकात
इस बीच आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर बिहार के सत्ताधारी खेमे में खींचतान की खबरों के बीच 12 जुलाई को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के बीच दो दौर की सौहार्दपूर्ण बैठक हुई. इसके बाद कहा गया कि दोनों पार्टियों के नेता आगामी लोकसभा चुनाव के लिये सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला सही तरीके से निकाल लिये जाने को लेकर उत्साहित हैं. उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्विटर पर हिंदी में लिखा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सहजता बढ़ने से विपक्ष ”डेंजर जोन (जोखिम भरे क्षेत्र)” में है. सुशील मोदी ने कहा कि इसने दोनों पार्टियों के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को बिहार में 2019 के आम चुनावों में सभी 40 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने के लिये एकजुट होकर काम करने का संदेश दिया है.
जदयू ने दिखाया नरम रुख
जद (यू) के प्रवक्ताओं ने भी अब इन बैठकों के बाद से 40 सीटों में से बड़े हिस्से पर पार्टी के दावे पर नरम रुख अपना लिया है. इसकी बजाय वे दोनों नेताओं के व्यापक और सौहार्दपूर्ण तालमेल पर पहुंचने पर जोर दे रहे हैं. जद (यू) प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा, ‘‘जब हमारे बीच मित्रवत संबंध होंगे’’ तो सीटों का बंटवारा समस्या नहीं होगी. सीपी ठाकुर समेत प्रदेश भाजपा के अन्य नेता भी बिहार में राजग में जद (यू) को जो महत्वपूर्ण स्थान मिला हुआ है उसे स्वीकार करते नजर आते हैं.
इससे पहले पिछले गुरुवार को पटना में अमित शाह ने कहा कि राजग हमेशा की तरह मजबूत है. प्रदेश भाजपा नेताओं को दिए संभावित संकेत के तौर पर उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से सिर्फ तेदेपा ने राजग को छोड़ा है, लेकिन गठबंधन को मजबूत बनाने के लिये नीतीश कुमार इसमें दोबारा शामिल हुए हैं. सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर सर्वोच्च स्तर पर चर्चा होने के मद्देनजर प्रदेश के नेता इस बारे में बात करने से बच रहे हैं.
लोजपा और रालोसपा पर सबकी नजर
नाम न जाहिर करने की शर्त पर उनमें से एक ने हालांकि कहा कि शाह के पहले रामविलास पासवान नीत लोजपा और उपेंद्र कुशवाहा नीत रालोसपा के साथ चर्चा करने की उम्मीद है ताकि अधिकतम सीटें जीतने के लिये गठबंधन की संभावना को समझा जा सके. 2014 के लोकसभा चुनाव में बिहार में लोजपा ने तीन और रालोसपा ने भी तीन सीटों पर जीत हासिल की थी.
भाजपा में सूत्रों ने बताया कि अमित शाह उसके बाद ही नीतीश कुमार से सीटों के बंटवारे पर विस्तार से चर्चा करेंगे. सूत्रों ने बताया कि राजग के लिये अधिक से अधिक सीटें जीतने पर जोर होगा, न कि किसी खास घटक दल को वरिष्ठ भागीदार के तौर पर पेश करने पर रहेगा.
भाजपा और जद (यू) में सूत्रों ने कहा कि यह रवैया पारस्परिक स्वीकार्य और सम्मानजनक समाधान तक पहुंचने में उनकी मदद करेगा. भाजपा अध्यक्ष के नवंबर में फिर से बिहार आने की उम्मीद है. इस दौरान वह पार्टी के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे. वहीं जद (यू) का अपने कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने का कार्यक्रम पहले से ही चल रहा है.
Bureau Report
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