नईदिल्ली: जरा सोचिए, यह स्थिति देश के किसी सुदूर इलाके के अस्पताल की नहीं, बल्कि देश की राजधानी दिल्ली की है. सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि ऐसी लापरवाही सुश्रुत ट्रॉमा अस्पताल में चल रहे इलाज के दौरान बरती गई. ट्रॉमा के आईसीयू में भर्ती मरीज की अच्छे से देखभाल नहीं होने से उसके जख्म में कीड़े पड़ गए.
बताया गया कि आईसीयू में ड्यूटी पर तैनात जूनियर डॉक्टर के कहने के बाद भी जख्मों से मक्खियों के अंडे साफ नहीं किए गए. इसका परिणाम यह हुआ कि मरीज के घाव में मौजूद अंडों से कीड़े बाहर की तरफ आने लगे और मरीज के शरीर से तेज गंध आईसीयू में फैलने लगी.
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, यह मामला बीते 14 अगस्त का है. 53 साल के हरिचंद को सिविल लाइन स्थित सुश्रुत ट्रॉमा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके सिर पर चोट लगी थी. इस वजह से वह बेहोश थे. बताया गया कि उनके साथ कोई देखभाल करने वाला नहीं था.
डॉक्टरों ने हरिचंद को आईसीयू में भर्ती कर लिया. इलाज के दौरान सांस लेने के लिए गले में पाइप लगाई गई. लेकिन बीते 2 सितंबर को डॉक्टरों की नजर पाइप के आस-पास और सिर में मक्खियों के अंडों पर गई. जूनियर रेजीडेंट डॉक्टरों ने इसकी चर्चा मरीज के कार्ड पर भी किया. लेकिन अस्पताल की तरफ से इसपर खास ध्यान नहीं दिया गया.
डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि लिखित में जानकारी देने के बावजूद संबंधित विभाग से मरीज को देखने कोई नहीं आया. जब आईसीयू में गंध तेज हो गई तो आखिरकार डॉक्टरों ने मरीज के जख्म से 30 कीड़े बाहर निकाले. अस्पताल की इस लापरवाही पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
Bureau Report
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