नईदिल्ली: ट्रैफिक नियमों को नहीं मानने और हेलमेट नहीं पहनने की वजह से हर साल हजारों लोगों की सड़क हादसे में मौत हो जाती है. इसलिए, परिवहन विभाग की तरफ से समय-समय पर लोगों को जागरूक किया जाता है कि वे हमेशा हेलमेट पहन कर चलें. चालान से बचने के लिए मार्केट में सस्ता हेलमेट बिकता है. लेकिन, नए साल में वाहन चालकों की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार ने हेलमेट की गुणवत्ता को लेकर नए मानक तय कर दिए हैं.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, 15 जनवरी से केवल ISI प्रमाणित हेलमेट्स ही बेचे जा सकते हैं. अगर, हेलमेट बनाने वाली कंपनी मानकों का पालन नहीं करती हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं. हेलमेट बेचने वालों को 2 साल जेल की सजा या 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है.
नए नियम के मुताबिक, हेलमेट बनाने वाले, स्टोर करने वाले और बेचने वालों को बिना किसी वारंट के भी गिरफ्तार किया जा सकता है. सरकार के इस फैसले की टू व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने सराहना की है. एसोसिएशन का कहना है कि जिस तरह नकली दवा जहरीली होती हैं, उसी तरह बिना ISI होलमार्क वाले हेलमेट नकली होते हैं.
क्या हैं नए मानक?
15 जनवरी के बाद केवल ISI होलमार्क वाले हेलमेट बेचे जाएंगे.
यह हेलमेट ब्यूरो आफ इंडियन स्टेंडर्ड (BIS) के IS 4151:2015 के मानकों पर खरे होने चाहिए.
हेलमेट का वजन 1.2 किलोग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
बिना ISI मानक बनाने, बेचने और भंडारण करने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी.
Bureau Report
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