पटना: पार्टी का नेतृत्व करने को लेकर तेजप्रताप यादव के सभी दावे फेल होते नजर आ रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि खुद आरजेडी के सभी नेता उन्हें पार्टी लीडर के रूप में स्वीकार करने के मूड में नहीं हैं और लालू यादव के बाद तेजस्वी यादव को ही अपना नेता मान चुके हैं.
आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि हमारे नेता लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव हैं. अगर कोई सहयोग करता है तो उसका स्वागत है, लेकिन अभी कोई ऐसी बात नहीं है और आगे की रणनीति आगे देखेंगे.
वहीं, आरजेडी विधायक राहुल तिवारी ने भी कहा है कि लालू प्रसाद चाहेंगे तो जिम्मेदारी दे सकते हैं, लेकिन हमारे नेता तेजस्वी यादव हैं. हमारा लक्ष्य 2019-20 का चुनाव जीतना और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाना है.
आरजेडी नेताओं के इस बयान के बाद जेडीयू ने आरजेडी पर हमला बोला है. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि तेजप्रताप को क्यों आरजेडी की नहीं कमान मिल सकती है. तेजप्रताप यादव लालू के बड़े बेटे हैं और शैक्षणिक योग्यता भी तेजस्वी से ज्यादा है . वो अधिक वोटों के अंतर से चुनाव जीते हैं. वो पूजा-पाठ करते हैं, बांसूरी भी बजाते हैं. आरजेडी नेताओं को हिम्मत है तेजप्रताप का विरोध करके दिखाएं.
आपको बता दें कि तेजप्रताप यादव ने सोमवार को कहा था कि अगर उन्हें पार्टी का नेतृत्व सौंपा गया तो वह पीछे नहीं हटेंगे. राजनीतिक सक्रियता बढ़ाते हुए तेजप्रताप यादव ने सोमवार को आरजेडी प्रदेश कार्यालय पहुंचे थे और पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद के कक्ष में बैठने के साथ जनता दरबार लगाकर पार्टी कार्यालय में आए लोगों की समस्याएं सुनीं.
साथ ही उन्होंने छोटे भाई तेजस्वी प्रसाद यादव के साथ मतभेद की अटकलों को खारिज करते हुए इसे दुष्प्रचार बताया था और कहा कि वह एक जनप्रतिनिधि और पार्टी नेता के तौर पर जनता की समस्या को सुनने के लिए जनता दरबार लगाने की शुरुआत की है और इसे नियमित रूप से जारी रखेंगे.
Bureau Report
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