नईदिल्ली: राम मंदिर विवाद पर केंद्र सरकार द्वारा अयोध्या की गैर-विवादित भूमि को संबधित मालिकों को सौंपने की याचिका पर बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने केंद्र की मोदी सरकार पर कड़ा हमला किया. मायावती ने आरोप लगाया कि जबरदस्ती सरकारी हस्तक्षेप और आम चुनाव में लाभ लेने की नीयत से सरकार ने ये फैसला लिया है. मंगलवार को सरकार के द्वारा लिए गए फैसले के बाद मायावती ने बुधवार (30 जनवरी) को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार का यह नया हथकंडा चुनावी स्वर्त्झ की राजनीति से प्रेरित है.
मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार सिर्फ जातिवाद, साम्प्रदायिक, तनाव और हिंसा के साथ संकीर्ण राष्ट्रवाद की नकारात्मक और घातक नीति के साथ काम कर रही है, जो निंदनीय है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की मलकियत वाली अधिग्रहित भूमि में यथा-स्थिति को बिगाड़ने का सरकारी प्रयास अनुचित और भड़काऊ हैं और बीजेपी सरकार के इस कदम को नया हथकंडा चुनावी स्वर्त्झ की राजनीति से प्रेरित बताया.
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि देश में जबरदस्त गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, अशिक्षा के साथ-साथ देशहित से जुड़े मुद्दे पर सरकार विफल हो चुकी. इसके अलावा बीजेपी सरकार अपने चुनावी वादों को भी पूरा करने में विफल रही है. लिहाजा अब अयोध्या व धर्म के अन्य मामलों का राजनीतिक इस्तेमाल ही इनके पास आखिरी हथकंडा बाकी रह गया था. अब वह इसे लागू करने में जुट गई है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी की इसी राजनीति से देश की जनता बुरी तरह से पीड़ित, प्रताड़ित व त्रस्त है, लेकिन बीजेपी को अभी भी लगता है कि उनके पास यही एक हथकंडा बचा है. लिहाजा वह अयोध्या मामले में तरह-तरह से हाथ-पांव मारने में लगी हुई है, जिसका आमजन व देशहित से कोई लेना देना नहीं है.
मायावती यहीं नहीं रुकी उन्होंने कहा कि यूपी में सपा-बसपा गठबंधन के बाद से बीजेपी बौखला गई है और बीजेपी को डर है कि वो दुबारा सत्ता में वापसी नहीं कर पाएगी. इसी बौखलाहट में बीजेपी सरकार उस सभी हथकंडों को अपना रही है, जिसकी उम्मीद संविधान के आधार पर चलने वाली किसी भी निर्वाचित सरकार से नहीं कर सकती.
Bureau Report
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