पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल में बीजेपी स्कूल की बोर्ड परीक्षाओं तक लाउडस्पीकर और माइक नहीं बजा सकेगी. सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश बीजेपी की याचिका खारिज कर दी है. बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में रिहायशी इलाकों में माइक और लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर लगी रोक हटवाने की मांग की थी. राज्य सरकार ने बोर्ड की परीक्षाओं के दौरान राज्य में माइक और लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था, जिसे प्रदेश बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. याचिका चीफ जस्टिस रंजन गोगाई की बेंच ने खारिज की.
कोलकाता प्रदेश बीजेपी की याचिका में कहा गया था कि स्कूलों में बोर्ड की परीक्षा के बहाने मार्च महीने के अंत तक पश्चिम बंगाल के हर इलाके में माइक और लाउडस्पीकर बजाने पर निषेधाज्ञा जारी करने संबंधी राज्य सरकार की अधिसूचना गलत है, जो कि राजनीति से प्रेरित है. दरअसल राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी की है, जिसमें स्कूलों में बोर्ड की परीक्षा के मद्देनजर राज्य में कहीं भी किसी भी तरह की माइक और लाउडस्पीकर बजाने पर निषेधाज्ञा जारी की गई है.
बीजेपी का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आवाज के मानकों के मुताबिक एक तय सीमा तक माइक और लाउडस्पीकर बजाने की इजाजत होती है लेकिन इस 90 डेसीबल से कम आवाज में माइक बजाने की अनुमति देने के बजाय एक साथ पूरे राज्य में किसी भी तरह का माइक और लाउडस्पीकर बजाने की निषेधाज्ञा पश्चिम बंगाल सरकार की सोची समझी रणनीति है.
प्रदेश सरकार ऐसा इसलिए कर रही है ताकि राज्य में बीजेपी अपना चुनाव प्रचार न कर सके. बीजेपी का कहना है कि परीक्षा केंद्र के आसपास माइक बजाने पर प्रतिबंध लगाई जा सकती है लेकिन पूरे राज्य में एक साथ प्रतिबंध नहीं लगाई जा सकती. सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को इस पर सुनवाई होगी.
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